- पाकिस्तान की ISI ने नेपाल के नागरिकों का जासूसी के लिए उपयोग किया
- अंसारुल मिया अंसारी 2008 से ISI के लिए काम कर रहा था और गिरफ्तार किया गया है
- गिरफ्तारी के समय उसके पास से गोपनीय भारतीय सैन्य दस्तावेज बरामद हुए
- अंसारी ने बताया कि उसे पाकिस्तानी हैंडलर से निर्देश मिलते थे
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI एक बार फिर भारत के खिलाफ गहरी साजिश रचते हुए पकड़ी गई है. NDTV को मिले दस्तावेजों और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ISI अब नेपाल के नागरिकों को जासूसी के लिए इस्तेमाल कर रही है. ये पूरा जासूसी नेटवर्क वेस्ट एशिया से नेपाल और फिर भारत तक चलाया जा रहा है.
नेपाल के रास्ते भारत में जासूसी
फरवरी 2025 में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक नेपाली नागरिक अंसारुल मिया अंसारी को गिरफ्तार किया, जो साल 2008 से ISI के लिए काम कर रहा था. गिरफ्तारी के वक्त अंसारी के पास से भारतीय सेना की गोपनीय तैनाती योजनाएं, ट्रेनिंग मैनुअल्स और कई SECRET व CONFIDENTIAL दस्तावेज बरामद हुए. पूछताछ में अंसारी ने खुलासा किया कि वह पाकिस्तानी हैंडलर ‘यासिर' के संपर्क में था, जो उसे व्हाट्सएप और कॉल के जरिए निर्देश देता था.
गिरफ्तारी से पहले अंसारी ने एक सीडी जिसमें संवेदनशील जानकारी थी, टुकड़े-टुकड़े करके टॉयलेट में फ्लश कर दी थी ताकि सबूत न मिल सके.
दिल्ली में बिछाया गया था जाल
गुप्त सूचना के आधार पर 14 फरवरी 2025 की रात करीब 10 बजे दिल्ली के विश्वास नगर के पास एक ट्रैप लगाया गया. वहां पुलिस ने अंसारुल मिया अंसारी को धर दबोचा था. उसके पास से लैपटॉप, प्रिंटर, सेना के गोपनीय दस्तावेज, एक ब्रोशर "Fighting in Built Up Areas 1982" और ट्रेनिंग व डिप्लॉयमेंट पेपर बरामद किए गए थे.
जांच में मिले चौंकाने वाले लिंक
पूछताछ में अंसारी ने बताया कि वह नेपाल के रास्ते भारत आता था और यहां पाकिस्तानी हैंडलर्स से मिलता था. वह भारत से गोपनीय सैन्य दस्तावेज इकट्ठा करता और उन्हें ISI तक पहुंचाता था. उसने यह भी स्वीकार किया कि उसे इस काम के लिए पैसे मिलते थे और वह जानता था कि ये जानकारी भारत के खिलाफ इस्तेमाल हो रही है.
यासिर, पिंटू और अखलाक़ का नाम आया सामने
अंसारी ने बताया कि यासिर नाम का पाकिस्तानी हैंडलर उसे निर्देश देता था कि कब और कहां जाना है। दिल्ली ISBT में एक शख्स पिंटू ने उसे एक सीडी सौंपी थी, जिसमें गोपनीय जानकारी थी। लेकिन पकड़े जाने के डर से अंसारी ने उस सीडी को नष्ट कर दिया।
झारखंड के रांची निवासी अखलाक़ आज़म का नाम भी सामने आया है, जो इस नेटवर्क में अंसारी की मदद करता था। उसकी भी पूछताछ की गई है और मोबाइल जब्त किया गया है।
अंसारी के मोबाइल फोन से व्हाट्सएप चैट्स, कॉल रिकॉर्ड, पाकिस्तानी नंबरों से संपर्क और संवेदनशील सूचनाएं मिली हैं।
जांच एजेंसियों ने DGMI (डायरेक्टरेट जनरल मिलिट्री इंटेलिजेंस) को दस्तावेज भेजे
पाकिस्तान की नई रणनीति
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान अब पारंपरिक जासूसों के बजाय विदेशी नागरिकों और वैकल्पिक मार्गों के जरिए भारत की सैन्य जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है ताकि पकड़े जाने से बचा जा सके।
यह केस भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि पाकिस्तान अब वेस्ट एशिया और नेपाल जैसे इलाकों से अपने एजेंट तैयार कर रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की सतर्कता और कार्रवाई ने समय रहते एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया।