दिल्ली के रजौरी गार्डन इलाके से अगवा हुई 15 साल की एक नाबालिग लड़की को छुड़ाने के लिए पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन थाने के दो पुलिसकर्मियों ने मेवात जाकर 35 दिनों तक वहां स्थानीय लोगों की तरह हुलिया बदला. 35 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद वे नाबालिग को ढूंढने में सफल रहे. बच्ची को बदरपुर बॉर्डर के पास से बरामद कर लिया गया है. साथ ही नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने वाले आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अब आरोपी के मां-बाप की तलाश में जुटी है.
पश्चिमी दिल्ली पुलिस के डीसीपी दीपक पुरोहित ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम शोएब खान है. शोएब ने अपना नाम बदलकर राजौरी गार्डन इलाके में रहने वाली 15 साल की एक लड़की से फेसबुक पर दोस्ती की. आरोपी मेवात का रहने वाला है. आरोप है कि 23 अक्टूबर को वह लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ मुजफ्फरपुर बिहार ले गया फिर वहां से आजमगढ़ गया और अपने दोस्त के पास कुछ दिन रहा. आरोप है कि वहां उसने नाबालिग के साथ रेप किया और उसके बाद आरोपी नाबालिग को लेकर मेवात पहुंचा.
इधर पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज जांच शुरू की. जिसमें शोएब के बारे में पता चला, इसके लिए दो पुलिसकर्मियों को मेवात में आरोपी के घर का पता लगाने और वहां पर अगवा की गई नाबालिग के बारे में जानकारी लेने के लिए भेजा गया. दोनों पुलिसकर्मी 35 दिनों तक हुलिया बदलकर मेवात में घूमते रहे. आखिरकार अंत में इन्हें कामयाबी मिली, 8 दिसंबर को नाबालिग लड़की को बदरपुर बॉर्डर के पास एक जगह से बरामद कर लिया गया.
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पुलिस ने आरोपी को भी पकड़ लिया गया. इस मामले में सबइंस्पेक्टर प्रकाश और हवलदार शौकत ने काफी मेहनत की. पुलिस को जानाकरी मिली है कि इस काम में आरोपी के माता-पिता ने भी उसका साथ दिया था. पिता का नाम तैयब बताया जा रहा है. पुलिस इनकी भी तलाश कर रही है.