बाल अधिकारों की शीर्ष संस्था राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राष्ट्रीय राजधानी में बाल देखभाल संस्थानों से बच्चों के भाग जाने के मुद्दे के बारे में उसे सूचित नहीं करने पर दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा था कि सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और एक अत्याधुनिक स्कूल उनके लिए बनाया जाएगा जहां उन्हें सभी सुविधाएं मिलेंगी.
केजरीवाल ने यह भी कहा कि अबतक बच्चों को ‘पकड़ा' जाता था और उन्हें बाल देखभाल गृहों में रखा जाता था जहां उनका सही तरीके से ध्यान नहीं रखा जाता था जिस वजह से वे वहां से भाग जाते थे. आयोग की प्रमुख प्रियंका कानूनगो ने कहा कि आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चार मासिक बैठकें की हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने कभी भी बाल देखभाल गृहों से बच्चों के भागने का मुद्दा नहीं उठाया.
उन्होंने कहा कि एनसीपीसीआर ने दिल्ली सरकार से मासिक समीक्षा बैठकों में बच्चों के बाल देखभाल केंद्र से भागने के गंभीर मुद्दे को लेकर सूचित नहीं करने का कारण पूछा है. आयोग ने दिल्ली में बाल देखभाल संस्थानों की खराब हालात पर कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है. आयोग ने दिल्ली सरकार से उन बच्चों के बारे में जानकारी मांगी है जो बाल गृहों से भाग गए हैं तथा यह भी जानकारी मांगी है कि वे किस-किस तारीख को भागे. इसी के साथ आयोग ने दिल्ली सरकार से ऐसे मामलों में दर्ज कराई गई प्राथमिकी की प्रतियां भी मांगी हैं. दिल्ली सरकार को यह जानकारी 15 दिन में उपलब्ध कराने को कहा गया है.
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