दिल्ली में हल्की बारिश और अनुकूल गति से हवा के चलने की वजह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सोमवार को "काफी" सुधार आया है और यह 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई है. हवा की गुणवत्ता 15 दिन तक 'बहुत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में थी. शहर में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 221 दर्ज किया गया, जो ‘खराब' श्रेणी में आता है. रविवार को एक्यूआई 435 और शनिवार (दिवाली) को यह 414 था. दिल्ली का एक्यूआई पिछली बार दो नवंबर को ' खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया था.एक्यूआई शाम छह बजे तक 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गया था.
केंद्र सरकार की दिल्ली के लिए वायु गुणवता शीध्र चेतावनी प्रणाली ने कहा कि बारिश और तेज हवाओं के कारण दिवाली के बाद एक्यूआई में "काफी " सुधार आया है. इसके मंगलवार को भी "मध्यम " श्रेणी में रहने की संभावना है. वायु गुणवत्ता के बुधवार को मामूली रूप से खराब होने और "खराब " श्रेणी में जाने के आसार हैं. दिल्ली एनसीआर में शाम छह बजे पीएम 2.5 प्रति घन मीटर में 88 माइक्रोग्राम था. इसकी सुरक्षित सीमा प्रति घन मीटर में 60 माइक्रोग्राम है. पीएम 10 का स्तर प्रति घन मीटर में 135 माइक्रोग्राम था. दिल्ली के पड़ोसो शहरों—फरीदाबाद में एक्यूआई 186, गाजियाबाद में 207, ग्रेटर नोएडा में 226, गुड़गांव में 246 और नोएडा में 243 दर्ज किया गया जो 'खराब' और 'मध्यम' की श्रेणी में आता है.
दिल्ली में दीपावली पर वायु गुणवत्ता का स्तर पिछले चार वर्षों के मुकाबले सबसे खराब दर्ज किया गया. 2016 के बाद पहली बार दिवाली के एक दिन बाद सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया कि सभी प्रदूषक 2019 की तुलना में इस साल दिवाली के दिन अधिक थे.सीपीसीबी ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर पटाखे जलाना, पराली जलाने की उच्च हिस्सेदारी और मौसम की गैर अनुकूल स्थितियां इसका मुख्य कारण हो सकती हैं. बारिश और तेज हवा चलने से दिल्ली को राहत मिली. 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने और रविवार को बारिश होने से प्रदूषक तत्वों को बिखरने में मदद मिली.