दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव 25 अप्रैल 2025 को होंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में 25 वर्षों बाद सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एमसीडी में भी अब स्थिति मजबूत दिख रही है. 274 सदस्यीय एमसीडी निर्वाचन मंडल में फिलहाल भाजपा के पास 135 पार्षदों का समर्थन है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के पास 119 पार्षद हैं. 12 सीटें वर्तमान में खाली हैं.
भाजपा की मजबूत स्थिति, आप के लिए चुनौती
इस बार के एमसीडी चुनाव में आप और कांग्रेस का गठबंधन नहीं होने से भाजपा को स्पष्ट लाभ मिलता दिख रहा है. वर्ष 2022 के एमसीडी चुनाव में आप ने 134 सीटें जीतकर भाजपा (104 सीटें) को पराजित किया था. हालांकि, मेयर चुनाव में क्रॉस वोटिंग के कारण आप के उम्मीदवार को मात्र तीन वोटों के अंतर से जीत मिली थी. फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद आप के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे. यह भी ध्यान रहे कि स्वाति मालिवाल विवाद और पार्षदों के दल-बदल ने आप की स्थिति को और कमजोर किया है.
मेयर चुनाव की प्रक्रिया
दिल्ली में विधायक और सांसद हर पांच वर्ष में चुने जाते हैं, लेकिन मेयर का चुनाव प्रत्येक वित्तीय वर्ष में होता है. चुनाव होने तक वर्तमान मेयर अपने पद पर बने रहते हैं. वर्तमान में आप के महेश खींची मेयर के पद पर हैं और चुनाव तक वह इस पद पर बने रहेंगे. पिछले वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण मेयर चुनाव स्थगित हो गया था. इस बार मेयर का पद अनारक्षित है, जिसके लिए कोई भी पार्षद नामांकन दाखिल कर सकता है.
चुनावी समीकरण और संभावनाएं
अधिक संख्याबल और पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के वजह से भाजपा मजबूत स्थिति में है. देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पदों पर कब्जा कर अपनी स्थिति और मजबूत करेगी या आप वापसी करके अपनी साख बचाएगी.