संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने 22 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत का ऐलान किया है. इसके बाद अलग-अलग राज्यों के किसान दिल्ली की तरफ रवाना हो चुके हैं. वहीं, कुछ किसानों का समूह बसों में टिकरी बॉर्डर तक भी पहुंच चुका है. बताया जा रहा है कि जब दिल्ली पुलिस ने इन्हें रोका तो किसान नाराज हो गए. करीब 15 मिनट तक सड़क मार्ग बाधित रहा. बताया जा रहा है कि तीन बसों में बैठकर किसान पहुंचे. टिकरी बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. सिमेंटिड बैरिकेड भी किसानों को रोकने के लिए लगाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, ट्रेन,बस और निजी वाहनों से दिल्ली किसान आ रहे हैं. सोमवार सुबह 10 बजे से जंतर मंतर पर धरना शुरू होगा .
वहीं, दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर इस प्रोटेस्ट को इजाजत नहीं दी है. नई दिल्ली की डीसीपी ने बताया है की परमिशन मांगी गई थी, लेकिन भीड़ ज्यादा है इसलिए हमने परमिशन नहीं दी है. नई दिल्ली इलाके में 144 धारा लागू है. वहीं, इस प्रोटेस्ट की जानकारी के बाद टिकरी समेत सभी बोर्डर पर पुलिस अलर्ट है.
यह एक दिन का कार्यक्रम होगा. पंचायत के समापन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक का कहना है कि यदि सरकार किसी भी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास करेगी तो उसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी.
कल संयुक्त किसान मोर्चा से अलग हुए ढाल्लेवाल ग्रुप के लोग जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. हालांकि अभी ये साफ नहीं कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें प्रर्दशन करने की परमिशन दी है या नहीं. लेकिन पुलिस टिकरी बॉर्डर से लेकर जंतर मंतर पर तमाम जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी है.
किसान पंचायत की कई मांगे हैं, जिनमें लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग भी शामिल हैं. साथ ही स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP की गारंटी का कानून बनाया जाने की भी मांग की गई है. वहीं देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए, बिजली बिल 2022 रद्द किया जाए, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किया जाने सहित अन्य मांगें भी शामिल हैं.