जाली पासपोर्ट, फर्जी ID कार्ड... BARC वैज्ञानिक बनकर घूमता था ISI जासूस आदिल, उगले कई बड़े राज

Delhi ISI Spy Arrest: पुलिस को जासूस आदिल के पास से जाली पासपोर्ट और नकली ID कार्ड मिला है. जांच में पता चला कि आदिल और उसका भाई अख्तर हुसैनी खुद को BARC के वैज्ञानिक बताकर घूमते थे. दोनों के पास BARC के नकली पहचान पत्र भी थे.

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ISI जासूस ने किए बड़े खुलासे.
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  • दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर आदिल हुसैनी को गिरफ्तार किया है.
  • आदिल ने रूस के वैज्ञानिक से न्यूक्लियर डिजाइन लेकर ईरान के एक साइंटिस्ट को बेचने का खुलासा किया है.
  • आदिल और उसके भाई अख्तर हुसैनी ने BARC के नकली पहचान पत्र बनाकर संवेदनशील सूचनाओं तक पहुंच बनाई थी.
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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर सीलमपुर से जासूस आदिल हुसैनी को गिरफ्तार किया था. वह अपने भाई अख्तर हुसैनी के साथ BARC का फर्जी वैज्ञानिक बनकर घूम रहा था. आदिल हुसैनी ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. पता चला है कि उसने रसियन साइंटिस्ट से न्यूक्लियर रिलेटेड के कुछ डिजाइन लेकर ईरान के किसी साइंटिस्ट को बेचे थे. उससे मिली इस जानकारी को अब खुफिया एजेंसियां अपने स्तर पर वेरिफाई कर रही हैं. ये भी खुलासा हुआ है कि आरोपी आदिल भारत के परमाणु केंद्र BARC से भी जुड़ने की कोशिश में था.

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ISI जासूस ने किए कई बड़े खुलासे

बता दें कि दिल्ली से आदिल हुसैनी और मुंबई से उसके भाई अख्तर हुसैनी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करते हुए भारत के परमाणु प्रतिष्ठान BARC (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) के एक कर्मचारी से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था. गिरफ्तारी के बाद अब केंद्रीय एजेंसियों ने उनके खिलाफ बड़ी जांच शुरू कर दी है.

सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि इसके पीछे न्यूक्लियर जासूसी नेटवर्क काम कर रहा है, जिसके तार ईरान और रूस के परमाणु ढांचे से जुड़े हो सकते हैं.

कौन है गिरफ्तार जासूस आदिल हुसैनी?

59 साल का आदिल हुसैनी पहले भी एक रूसी मूल के वैज्ञानिक से कुछ न्यूक्लियर डिज़ाइन हासिल कर ईरान की एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन (AEOI) के एक एजेंट को बेच चुका है. ISI हैंडलरों से कनेक्शन सामने आने के बाद आदिल को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. केस दर्ज कर उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है.

BARC का वैज्ञानिक बनकर घूमता था पाक जासूस

पुलिस को उसके पास से जाली पासपोर्ट और नकली ID कार्ड मिला है. जांच में पता चला कि आदिल और उसका भाई अख्तर हुसैनी खुद को BARC के वैज्ञानिक बताकर घूमते थे. दोनों के पास BARC के नकली पहचान पत्र थे, जिनमें से दो ID कार्ड Alexander Palmer और Ali Raza Hussain नामों से बनाए गए थे. पुलिस ने एक असली और दो फर्जी पासपोर्ट, कई जाली यात्रा दस्तावेज और गोपनीय नक्शे भी उनके पास से बरामद किए हैं. जाली दस्तावेजों के जरिए उसने पाकिस्तान और अन्य देशों की कई यात्राएं भी की हैं. दोनों भाई UAE की ऑयल कंपनियों में काम कर चुके हैं. वहीं से उन्होंने विदेशी क्लाइंट्स को गोपनीय जानकारी बेचने का दावा किया है.

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दुबई में संपत्ति, कई देशों की यात्रा

पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों भाइयों ने ईरानी एजेंट से मिली रकम को दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने में लगाया. जासूस आदिल कई सालों तक दुबई और दूसरे देशों में रह चुका है. मुंबई पुलिस ने हाल ही में केंद्रीय एजेंसियों की सूचना पर आदिल के भाई अख्तर हुसैनी को गिरफ्तार किया है.

कोई गोपनीय डेटा लीक तो नहीं हुआ, हो रही जांच

अख्तर ने तीन अलग-अलग सरकारी केंद्रों के फर्जी ID कार्ड बनवा रखे थे, जिससे उसे संवेदनशील सूचनाओं तक पहुंच मिली हुई थी. दिल्ली पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि दोनों भाइयों ने कितने लोगों को फर्जी पासपोर्ट मुहैया कराए और किन देशों को संवेदनशील जानकारी दी गई. यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या भारत की परमाणु सुरक्षा प्रणाली से कोई गोपनीय डेटा लीक हुआ है. इन सभी पहलुओं की जांच अब केंद्रीय एजेंसियां और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मिलकर कर रही हैं.

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यह देश की सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मामला माना जा रहा है, क्योंकि आरोपी का नेटवर्क पाकिस्तान, ईरान और रूस तक फैले होने की आशंका जताई जा रही है.

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