- दिल्ली सरकार ने पुरानी गाड़ियों के जब्ती अभियान पर बड़ा बयान दिया है.
- बीजेपी ने पिछली AAP सरकार पर खराब पॉलिसी बनाने का आरोप लगाया है.
- सरकार ने CAQM को पत्र लिखकर ANPR कैमरे खराब होने की बात बताई है.
- ये भी कहा कि एनसीआर से समन्वय होने पर ही योजना चलाना ठीक रहेगा.
राजधानी दिल्ली में मियाद पूरी कर चुकी (End of Life - EOL) गाड़ियों को जब्त किए जाने के अभियान पर दिल्ली सरकार का बड़ा बयान सामने आया है. दिल्ली की बीजेपी सरकार ने पिछली आम आदमी पार्टी सरकार पर कार डीलरों से पैसा लेकर खराब पॉलिसी बनाने का गंभीर आरोप लगाया है. इस बारे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को पत्र भी लिखा है.
दिल्ली की बीजेपी सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQM को लिखे गए पत्र की जानकारी दी. उन्होंने EOL गाड़ियों की बाबत आम आदमीं पार्टी पर ख़राब पॉलिसी बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आप पार्टी ने कार डीलरों से पैसे लेकर नियम बनाए. आम आदमी पार्टी ने ही ये नियम बनाया कि कैसे पुरानी गाड़ियों को उठाया जाएगा. आम आदमी पार्टी ने ही पॉलिसी बनाई कि प्राइवेट पार्किंग से भी गाड़ियों को उठाकर स्क्रैप किया जाएगा.
पुरानी गाड़ियों के जब्ती अभियान में दिल्ली में जगह-जगह लगाए गए ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरों की बड़ी भूमिका है. CAQM को लिखे पत्र में दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि पेट्रोल पंप पर लगे ANPR कैमरे और लाउडस्पीकर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. मंत्रियों ने कहा कि पूरी दिल्ली में ANPR कैमरे लगवा दिए, लेकिन ये कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. कई तकनीकी ख़ामियां हैं. लाउडस्पीकरों में गड़बड़ है.
मंत्रियों ने ये भी कहा कि दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने की कोई यूनिट नहीं है. महंगी गाड़ियों को भी औने-पौने दाम जब्त किया जा रहा है. मर्सिडीज़ गाड़ियों के भी 80-90 हज़ार मिलेंगे. उन्होंने कहा कि EOL गाड़ियों का पहली बार चालान होगा, दूसरी बार में जब्त किया जाएगा. EOL गाड़ियों के बारे में पहले से ही गाड़ी मालिक को जानकारी देने का सिस्टम बनाया जा रहा है
दिल्ली सरकार का ये भी कहना है कि मियाद पूरी कर चुकी गाड़ियों को लेकर दिल्ली-NCR के बीच डाटा में समन्वय नहीं है. पड़ोसी शहर में भी ये सिस्टम अभी नहीं लगाया गया है. ऐसे में ANPR सिस्टम को लागू करना फ़िलहाल संभव नहीं है. मुख्यमंत्री ने CAQM से कहा है कि जब 1 नवंबर से पड़ोसी शहरों में ये सिस्टम शुरु होगा, तभी दिल्ली में भी ये सिस्टम लागू होगा.