गोवा के रोमियो लेन रेस्टोरेंट में हुए हादसे के बाद दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक आपात कालीन बैठक बुलाई. बैठक के बाद गृहमंत्री आशीष सूद ने बताया कि, "बैठक में विभाग की लाइसेंस प्रक्रिया की जांच, उसे रेगुलेट करना और डीरेगुलेट करने पर चर्चा की गई. इन सभी प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोहताई नहीं बरती जाएगी. लाइसेंस प्रक्रिया को आसान बना रहे हैं, ताकि लोग खुद लाइसेंस के लिए अप्लाई करें और अगर उसके बाद भी लोग कोताही बरतते हैं, तो उनके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी."
दिल्ली में गोवा जैसी बात नहीं
दिल्ली में करीब 3000 से ज्यादा रेस्टोरेंटों, पब, बार और नाइटक्लब हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्य अग्निशमन अधिकारी अतुल गर्ग ने बताया कि, "दिल्ली के हालात गोवा से बहुत बेहतर है, यहां जो भी नाइट क्लब हैं वो पक्की छतों पर चल रहे हैं, जबकि गोवा में लकड़ियों का इस्तेमाल ज्यादा होता है. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक फायर क्रैकर्स की वजह से बांस की छतों में आग लगने की वजह से गोवा में हादसा हुआ."
'कई बार क्षमता से ज्यादा लोगों को बैठाया जाता'
अतुल गर्ग के अनुसार, "हालांकि, दिल्ली में 90 वर्गमीटर के अंदर चल रहे रेस्टोरेंट, पब और बार को लाइसेंस की जरुरत नहीं होती है. लेकिन इसके चलते कई बार क्षमता से ज्यादा लोगों को अंदर बैठाया जाता है. अगर इस तरह की शिकायत आती है तो फायर ब्रिगेड इसमें कुछ नहीं कर सकता है."
लोगों को जागरुक रहने की जरुरत
अतुल गर्ग ने कहा कि, "लोगों को भी जागरुक रहने की जरुरत है. रेस्टोरेंट पब और बार वालों को डिस्प्ले लगाना चाहिए कि लोगों के बैठने की उनके यहां कितनी क्षमता है. इससे लोगों को पता चलता रहेगा कि यहां संख्या से ज्यादा लोगों को बैठाया जा रहा है."














