अबकी बार फिर मोदी सरकार. शनिवार शाम आए सभी Exit Polls भविष्यवाणी यही है. बीजेपी का नेतृत्व वाला एनडीए 400 पार तो जाता नहीं दिख रही है, लेकिन बहुमत प्रचंड रहेगा. पीएम मोदी की यह लहर दिल्ली में चलेगी? कुछ एग्जिट पोल्स को इस पर शक है. पिछली बार सभी सात सीटों पर क्लीन स्वीप करने वाली बीजेपी को इस बार भी कुछ एग्जिट पोल्स ने 7/7 नंबर दिए हैं, लेकिन कुछ की राय इससे अलग भी नजर आई. इन एग्जिट पोल्स के रुझानों के मुताबिक इस बार दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन के खाते में 1 से 2 सीटें जा सकती हैं. अगर इस भविष्यवाणी को सही मान लिया जाए तो सवाल यह है कि ये दो सीटें कौन-सी हो सकती हैं? सही जवाब तो 4 जून को ही मिल पाएगा, लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट, चांदनी चौक सीट और नई दिल्ली लोकसभा सीट पर बीजेपी को कड़ी टक्कर मिली है. उत्तर पूर्वी दिल्ली में मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार का मुकाबला है. वहीं, नई दिल्ली सीट से बांसुरी स्वराज और सोमनाथ भारती आमने-सामने हैं.
कौन-कौन से हैं वे एग्जिट पोल, जिन्होंने दिल्ली में आप-कांग्रेस को दीं सीटें
पार्टी | इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया | इंडिया टीवी- सीएनएक्स | रिपब्लिक भारत- मैटरिज |
बीजेपी | 6-7 | 6-7 | 5-7 |
इंडिया गठबंधन | 0-1 | 0-1 | 2 |
देश में इस बार फिर मोदी सरकार या बनेगी इंडिया गठबंधन की सरकार... इस सवाल के जवाब का इंतजार लोग बेसब्री से कर रहे हैं. देश के साथ-साथ दिल्ली की सातों सीटों पर किसका कब्जा होता है, इस पर भी लोगों की नजर बनी हुई है. दिल्ली में इस बार उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीट भी काफी चर्चा में है. इस सीट पर मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार के साथ है. ऐसा हो सकता है कि इंडिया गठबंधन के खाते में जो 2 सीटें आने का अनुमान है, उनमें से एक सीट ये भी हो सकती है
सिर्फ मनोज तिवारी फिर दिल्ली के मैदान में आए नजर
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली में मौजूदा 7 सांसदों में से सिर्फ 1 मनोज तिवारी ही फिर से चुनाव मैदान में उतरे हैं. अन्य 6 सीटों पर भाजपा के नए उम्मीदवार नजर आए. इस मुद्दे पर विपक्ष ने भाजपा को घेरा भी. वहीं, धुर-विरोधी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस बार दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ा है. गठबंधन के तहत उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीट कांग्रेस के खाते में आई. कांग्रेस ने यहां से बड़ा दांव खेलते हुए कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है.
साल 2019 में इस सीट के नतीजों ने सबको चौंका दिया था. बीजेपी के उम्मीदवार मनोज तिवारी ने इस सीट से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को वोटों के बड़े अंतर से हराया था. इस सीट से मनोज तिवारी को 7,87,799 वोट, वहीं कांग्रेस की शीला दीक्षित को 4,21,697 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार के रूप में दिलीप पांडे को चुनाव मैदान में उतारा था, जिन्हें 1,90,856 वोट मिले थे.
नई दिल्ली लोकसभा सीट पर भी उलटफेर संभव
यह सीट इस बार काफी चर्चा में है. यहां से इस बार भाजपा ने दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर मौजूदा विधायक सोमनाथ भारती को टिकट दिया है. ये दोनों ही अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. साल 2019 की बात करें, बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने इस सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन को 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.
कांग्रेस का गढ़ रही है चांदनी चौक लोकसभा सीट
पुरानी दिल्ली की चर्चित सीट चांदनी चौक से इस बार कांग्रेस ने एक बार फिर अपने वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल पर भरोसा जताया है. वहीं, भाजपा ने प्रवीण खंडेलवाल को उनके सामने उतारा है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. हर्ष वर्धन ने जीत हासिल की थी, जिन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी बनाया गया था. हर्ष वर्धन ने कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल को बड़े अंतर से हराया था. आप ने भी इस सीट से अपने प्रत्याक्षी प्रत्याशी पंकज कुमार गुप्ता को मैदान में उतारा था, जो तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें 1,44,551 वोट मिले थे.
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