Delhi Exit Poll Result: बीजेपी ने कैसे आखिर कैस पलट रही है बाजी, कौन हैं पांच बड़े फैक्टर

Exit Poll Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव का मतदान आज खत्म हो गया. इसके बाद से विभिन्न सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल के आंकड़े जारी किए. अधिकांश में बीजेपी सरकार बनाते दिखाई दे रही है. आइए जानते हैं कि उसे मिले इस समर्थन के पांच संभावित कारण क्या हो सकते हैं.

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नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा का मतदान बुधवार को संपन्न हो गया.इसके बाद आए एग्जिट पोल्स में बीजेपी को बंपर बहुमत से दिल्ली में 27 साल बाद वापसी करती हुई दिख रही है. इन एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी सत्ता से बाहर जाती हुई दिख रही है. वहीं कांग्रेस के लिए एक बार फिर बुरी खबर आती हुई दिख रही है. इन पोल्स  में उसे फिर से शून्य सीटें आती हुई दिखाया गया है. आइए देखते हैं कि दिल्ली में किन मुद्दों ने काम किया. दिल्ली की जनता ने उसकी किन बातों पर ऐतबार किया. ये नतीजे एग्जिट पोल के हैं, वास्तविक नतीजे नहीं. दिल्ली के जनता के असली फैसले को जानने के लिए हमें आठ फरवरी तक का इंतजार करना होगा, जब मतगणना होगी और परिणाम आएंगे.

एमएम फैक्टर

इस चुनाव में बीजेपी ने महिलाओं के लिए कई वादे किए हैं. सबसे प्रमुख है हर महीने 25 सौ रुपये देने का वादा.

एमएम फैक्टर से मतलब है, मिडिल क्लास की महिला. ऐसा लग रहा है कि मिडिल क्लास की महिलाओं का समर्थन बीजेपी को मिला है. दिल्ली में बीजेपी ने अपनी सरकार बनने की स्थिति में महिलाओं को 'महिला समृद्धि योजना'के तहत हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है. यह वादा कांग्रेस और आप ने भी किया है. कांग्रेस ने 2500 और आप ने 2100 रुपये हर माह देने का वादा किया है. लेकिन महिलाओं ने आप और कांग्रेस के वादों पर ऐतबार नहीं किया. क्योंकि दोनों पार्टियों की पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों   ने अबतक यह वादा पूरा नहीं किया है, जबकि बीजेपी की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में इसे पूरा किया है. इसके अलावा बीजेपी ने गर्भवती महिलाओं को ₹21 हजार रुपये की आर्थिक मदद और छह पोषण किट मुफ्त देने का भी वादा किया है.उसने गरीब महिलाओं को रसोई गैस सिलेंडर 500 रुपये में देने और होली-दिवाली पर एक-एक सिलेंडर मुफ्त में देने का भी वादा किया है. लगता है कि महिलाओं ने बीजेपी के इस वादे पर भरोसा कर उसे वोट किया है. 

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स्वास्थ्य की देखभाल 

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक खोले थे. इनमें लोगों का इलाज मुफ्त में होता था.लेकिन समय बीतने के साथ इसमें खामियां आने लगीं. बाद में लोगों की शिकायत रही कि मोहल्ला क्लिनिक में न तो उनका इलाज होता है और न ही उनकी जांच होती है और न दवाएं मिलती हैं. इसे बीजेपी ने मुद्दा बनाया. इसको लेकर आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल आमने-सामने भी आ गए थे. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने और सीनियर सिटिजन के लिए इस योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के अतिरिक्त मुफ्त इलाज का वादा किया.बीजेपी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया. लगता है कि दिल्ली के वोटरों ने बीजेपी के इस वादे पर ऐतबार किया है. 

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मीडिल क्लास का बजट

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक चार दिन पहले बजट पेश किया. इसमें सरकार ने मीडिल क्लास और कामकाजी लोगों के लिए कई बड़ी राहतों का ऐलान किया. इसमें सबसे बड़ा ऐलान था 12 लाख रुपये सालाना तक की आय को टैक्स फ्री बनाना. इस बजट में केंद्र सरकार ने बिहार के लिए अपना खजाना खोल दिया. इसमें सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बिहार के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया. दिल्ली में बिहार के लोगों की बड़ी आबादी रहती है. नरेंद्र मोदी की सरकार की इन घोषणाओं ने मतदाताओं को बहुत अधिक प्रभावित किया. 

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दिल्ली का शराब घोटाला

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार 2020-2021 में नई आबकारी नीति लेकर आई थी. बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस योजना को बनाने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है.उपराज्यपाल ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए थे. बाद में मनिलॉड्रिंग की शिकायतों पर इस मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय भी शामिल हो गया. सीबीआई जांच के आदेश होते ही दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपनी आबकारी नीति को वापस ले लिया. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी आम आदमी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इसके दायरे में आता गया. इस मामले में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्य सभा सांसद संजय सिंह तक गिरफ्तार कर लिए गए.इन तीनों के अलावा पार्टी के कई दूसरे पदाधिकारी और नेता भी इस घोटाले में गिरफ्तार हुए. अंतत: इस मामले में जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देकर आतिशी को अपनी जगह मुख्यमंत्री बनवा दिया. बीजेपी ने इस मामले का साथ नहीं छोड़ा. वह इस मामले को लगातार उठाती रही. दरअसल भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के कोख से पैदा हुई आम आदमी पार्टी इस आरोप से अपना दामन नहीं बचा सकी. यह मुद्दा आम आदमी पार्टी के लिए भारी पड़ता हुआ दिख रहा है. 

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आप के वोट बैंक में सेंध

बीजेपी ने झुग्गी वालों के लिए उनकी झुग्गी के पास ही मकान बनाकर देने का वादा किया है.

दिल्ली में अनिधिकृत कॉलोनियों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को आम आदमी पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है. कहा जाता है कि बिजली-पानी वाली योजनाओं और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की योजना के बड़े लाभार्थी इन्हीं जगहों पर रहते हैं. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के इस मजबूत वोट बैंक को तोड़ने पर बहुत पहले से काम शुरू कर दिया था. इसी के तहत झुग्गी वालों को झुग्गी की जगह पर ही फ्लैट बनाकर दिए गए. चुनाव की घोषणा से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इस तरह के सैकड़ों फ्लैटों को उनके मालिकों को सौंपा था.इसके अलावा बीजेपी ने अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों को उनके मकानों का मालिकाना हक देने का वादा भी किया है.इसके अलावा बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के एक और बड़े सपोर्टर वर्ग ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों के लिए 10 लाख रुपये का जीवन बीमा और पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा का वादा कर उन्हें तोड़ने की कोशिश की है. लगता है कि बीजेपी अपनी इस कोशिश में कामयाब होते दिख रही है. 

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