दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) ने तीन महीने से अधिक की गर्भवती महिलाओं को सेवा में शामिल होने से रोकने लिए भारतीय स्टेट बैंक को नोटिस जारी किया है. भारतीय स्टेट बैंक ने इन महिलाओं को 'टेम्पोरेरी अनफीट' कहा है. आयोग ने एसबीआई से इन दिशा-निर्देशों के गठन के पीछे की प्रक्रिया और उन्हें मंजूरी देने वाले अधिकारियों के नाम बताने को भी कहा है.
गौरतलब है कि हाल ही में सार्वजानिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए भर्ती नियमों में बदलाव किया है. बैंक के अनुसार नए नियमों के तहत नई भर्ती की स्थिति में तीन महीने से अधिक गर्भवती महिला उम्मीदवारों को 'अस्थायी रूप से अयोग्य' माना जाएगा. वे प्रसव के बाद चार महीने के भीतर बैंक में शामिल हो सकती हैं. एसबीआई ने नई भर्तियों या पदोन्नत लोगों के लिए अपने नवीनतम मेडिकल फिटनेस दिशानिर्देशों में कहा कि तीन महीने के समय से कम गर्भवती महिला उम्मीदवारों को 'फिट' माना जाएगा.
आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले पर ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा है कि बैंक की कार्रवाई भेदभावपूर्ण और अवैध है, क्योंकि यह कानून के तहत प्रदान किए जाने वाले मातृत्व लाभों को प्रभावित कर सकती है.
बैंक द्वारा 31 दिसंबर, 2021 को जारी फिटनेस संबंधित मानकों के अनुसार गर्भावस्था के तीन महीने से अधिक होने की स्थिति में महिला उम्मीदवार को अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा. इस स्थिति में उन्हें बच्चे के जन्म के बाद चार महीने के भीतर शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है.
ये भी पढ़ें : SBI ने लॉन्च किया 3-in-1 अकाउंट, अब सेविंग्स, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग का फायदा एक ही अकाउंट से
हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक ने अभी तक इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. डीसीडब्ल्यू ने एसबीआई से मंगलवार तक नोटिस का जवाब देने को कहा है. नोटिस में बैंक को गाइडलाइन और रूल की एक कॉपी जमा करने के लिए कहा गया है.
ये भी पढ़ें.-"मैं ज्यादा महत्वाकांक्षी, चाहता हूं कि हमारा दायरा बढ़े": NDTV से खास बातचीत में बोले जयंत चौधरी