अरविंद केजरीवाल ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, सिंगापुर जाने की अनुमति देने में देरी का लगाया आरोप

अरविंद केजरीवाल ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि ये न्योता देश के लिए गौरव और मान की बात है. किसी सीएम को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकना देशहित के ख़िलाफ़. जल्द से जल्द अनुमति दें ताकि इस यात्रा से देश का नाम ऊंचा कर सकूं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और सिंगापुर जाने की अनुमति रोकने को बताया ग़लत है. अपने पत्र में सीएम ने लिखा है कि दिल्ली मॉडल को विश्व स्तरीय सम्मेलन में प्रस्तुत करने के लिए सिंगापुर सरकार ने न्योता दिया है और दुनिया भर के कई बड़े नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल प्रस्तुत किया जाना है. आज सारी दुनिया दिल्ली मॉडल के बारे में जानना चाहती है. ये न्योता देश के लिए गौरव और मान की बात है. किसी सीएम को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकना देशहित के ख़िलाफ़ है. जल्द से जल्द अनुमति दें ताकि इस यात्रा से देश का नाम ऊंचा कर सकूं.

अधिकारियों के अनुसार ‘प्रोटोकॉल' के मुताबिक मुख्यमंत्री समेत किसी भी मंत्री को आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होती है और मंजूरी के लिए फाइल उपराज्यपाल कार्यालय के जरिए गृह मंत्रालय को भेजी जाती है. वहीं एक जून को सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे और उन्हें सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने का न्योता दिया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसको स्वीकार किया था. इसके बाद सरकार की तरफ से उपराज्यपाल के पास पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए फाइल भेजी गई थी. लेकिन जून के अंत में खबर आई थी कि उपराज्यपाल को लगभग 3 हफ्ते पहले फाइल भेजी गई थी. लेकिन जून के अंत तक भी फाइल लौटकर नहीं आई.

मंजूरी मिलने में देरी चिंता का सबब इसलिए भी है, क्योंकि इससे पहले 2019 में भी अरविंद केजरीवाल को विदेश में पर्यावरण के मुद्दे पर बोलने के लिए जाना था. लेकिन केंद्र सरकार ने यह कहते हुए पॉलिटिकल क्लीयरेंस नहीं दी थी कि ये शिखर सम्मेलन मेयर स्तर का है, इसमें मुख्यमंत्री का जाना ठीक नहीं है.

Advertisement

VIDEO: बुर्कापाल हमले में 121 आदिवासी निर्दोष करार, दंतेवाड़ा की NIA कोर्ट का फैसला

Advertisement
Topics mentioned in this article