दिल्ली में छठ पूजा का मामला सुर्खियों में है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा है कि छठ पूजा सार्वजनिक रूप से मनाने की अनुमति दें. उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में पिछले तीन महीनों से कोविड महामारी नियंत्रण में है. मेरा विचार है कि हमें कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखते हुए छठ पूजा मनाने की अनुमति देनी चाहिए. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि पड़ोसी राज्यों ने भी अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उचित प्रतिबंधों के साथ छठ पूजा मनाने की अनुमति दी है. मेरा आपसे अनुरोध है कि यथाशीघ्र DDMA की बैठक बुलाकर छठ पूजा समारोह के आयोजन की अनुमति प्रदान करें.
बता दें कि अगले महीने होने वाली छठ पूजा को लेकर दिल्ली में खूब सियासत हो रही है. इस सियासत में मनोज तिवारी ने और ज्यादा हवा दी है. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने 30 सितंबर को आदेश जारी कर के नदी किनारे और सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा पर रोक लगा दी थी. मनोज तिवारी ने मंगलवार को सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा के आयोजन पर प्रतिबंध के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा की गई पानी की बौछार की चपेट में आकर बीजेपी एमपी मनोज तिवारी घायल हो गए थे. बीजेपी नेताओं ने बताया कि तिवारी (50) को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था . चेकअप के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी.
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के मद्देनजर लिया गया है, लेकिन, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदर्श गुप्ता ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि भाजपा नीत नगर निगम छठ पूजा के आयोजन की व्यवस्था करेंगे. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार के फैसले को ‘‘तुगलकी फरमान'' बताया और कहा कि उनकी पार्टी इसका विरोध करती है क्योंकि यह पूर्वांचलवासियों की धार्मिक आस्था पर हमला है.
चोट लगने से पहले मनोज तिवारी ने छठ पूजा उत्सव पर प्रतिबंध लगाने को लेकर केजरीवाल सरकार की आलोचना की. उन्होंने वह इस प्रतिबंध पर लोगों की राय जानने के लिए उन इलाकों में ‘छठ रथ यात्रा' निकाल रहे हैं जहां पूर्वांचल से आने वालों की संख्या ज्यादा है.
(इनपुट्स भाषा से भी)