- दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों ने आतंक के डॉक्टर मोड्यूल के कई अहम सदस्य व उनकी भूमिकाएँ उजागर की हैं
- मौलवी इरफान ने शोपियां में नौजवानों को रेडिकलाइज़ कर जैश से जोड़ा और डॉक्टरों को इस मोड्यूल में शामिल कराया था
- डॉक्टर उमर नबी मोहम्मद ने लालकिले पर आत्मघाती हमला किया और विस्फोटक बनाने की तकनीकी जानकारी रखता था
Delhi Blast: दिल्ली लालकिला कार ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंक के 'डॉक्टर मोड्यूल' की जांच के दौरान एजेंसियों को कई चौंकाने वाली जानकारियां हाथ लगी हैं. इस मोड्यूल से जुड़े हर आतंकी की अपनी एक अलग कहानी और काम है, लेकिन सभी का मकसद एक था. मोड्यूल का हर आतंकी दिए गए काम को अंजाम देने में शिद्दत से जुटा था. आइए आपको बताते हैं कि कैसे ये मोड्यूल काम करता था और किसको क्या जिम्मेदारी दी गई थी?
- उमर बिन खत्ताब @ हलजुल्लाह- ये पाकिस्तानी ऑपरेटिव है, जिसके संपर्क में मौलवी इरफान था. इसके बारे में अभी बहुत अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है. एनआईए सहित जांच एजेंसियों उमर बिन खत्ताब के बारे में जानकारी जुटा रही है.
- मौलवी इरफान अहमद- ये शोपियां में एक मस्जिद में मौलवी था और इसका काम था पढ़े-लिखे नौजवानों को रेडिक्लाइज़्ड करना और जैश से जोड़ना. इसके सीधे संबंध जैश के कई कमांडर से थे. जाँच में सामने आया है कि डॉक्टर्स को इसी ने इस मोड्यूल में जोड़ा था. पहले इसने मुजम्मिल को जोड़ा और फिर मुजम्मिल ने अल फलाह यूनिवर्सिटी में अपने जैसे विचार धारा के लोगों के संपर्क में आया. मुजम्मिल ने ही डॉक्टर आदिल, डॉक्टर उमर और डॉक्टर शाहीन को इस मोड्यूल में शामिल किया. बाद में शाहीन ने अपने भाई डॉक्टर परवेज अंसारी को पूरी साजिश का हिस्सा बनाया.
- डॉक्टर शाहीन- लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थी. लेकिन काम था मोड्यूल के लिए फंड इक्कठा करना और ग़रीब महिलाओं-लड़कियों को जैश के संगठन जमात-उल-मुमीनात से जोड़ना. जांच में सामने आया कि शाहीन ने मोड्यूल को क़रीब 20 लाख रुपये की फंडिंग की थी और लगातार फंड जमा करने में जुटी हुई थी.
- आमिर- कश्मीर का रहने वाला और ये सीधे डॉक्टर उमर के संपर्क में था. आमिर की ज़िम्मेदारी थी मोड्यूल के लिए लॉजिस्टिक मुहैया करवाना. मोड्यूल के लिए i20 कार का इंतजाम इसी ने किया था. कार ख़रीदने के लिए इसे पैसे डॉक्टर उमर ने दिए थे जो कि टेरर फंडिंग का हिस्सा था. दिल्ली ब्लास्ट केस में ये NIA द्वारा पहली गिरफ्तारी थी. आमिर NIA की दस दिन की रिमांड पर है.
- डॉक्टर मुजम्मिल- ये मोड्यूल का सबसे अहम किरदार हैं. जिसने मौलवी इरफ़ान के कहने पर बाक़ी डॉक्टर को इस मोड्यूल से जोड़ा. डॉक्टर मुजम्मिल का काम रेडिकलाइज़ेशन का था. जिसके टारगेट पर अल फलाह यूनिवर्सिटी के कई स्टूडेंट थे. साथ ही डॉक्टर मुजम्मिल की ज़िम्मेदारी थी- ब्लास्ट के लिए विस्फोटक का ट्रांसपोर्टेशन करना.
- डॉक्टर आदिल- इस वो शख़्स है जिसकी गिरफ़्तारी के बाद इस मोड्यूल का पर्दाफाश हुआ था. इसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ़्तार किया था और इसी की निशानदेही पर डॉक्टर मुजम्मिल और शाहीन की गिरफ़्तारी हुई थी. बाद में फरीदाबाद से बड़ी संख्या में हथियार और 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था. मोड्यूल में डॉक्टर आदिल का काम था हथियारों का इंतज़ाम करना था.
- डॉक्टर उमर नबी मोहम्मद- मोड्यूल का आत्मघाती- जिसने लालकिले पर कार ब्लास्ट को अंजाम दिया. मोड्यूल में यही डॉक्टर था जिसे केमिकल की सबसे ज़्यादा जानकारी थी और अमोनिया नाइट्रेट से बम बनाने की ट्रेनिंग इसी ने ली थी. आज सामने आए डॉक्टर उमर के वीडियो से ज़ाहिर है कि वो किस कदर हाइली रेडिक्लाइज़्ड था.
- जसीर बिलाल वाणी उर्फ दानिश- मोड्यूल का टेक्नीशियन, बम बनाने में ट्रेंड- मोड्यूल की सबसे अहम कड़ी और किरदार. डॉक्टर उमर ने इसे मोड्यूल से जोड़ा था. जसीर बिलाल वाणी को इस मोड्यूल ने अगली जिम्मेदारी दी थी ड्रोन में विस्फोटक बांधकर कर रिमोट से ब्लास्ट करने की. बिलाल वानी फिलहाल ड्रोन बम बनाने में जुटा था और इसके बाद इसे मोड्यूल के लिए रॉकेट तैयार करने थे. जसीर की गिरफ्तारी NIA ने सोमवार को कश्मीर से की है जिसे आज दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर दस दिन का NIA रिमांड मिला है. जसीर डॉक्टर उमर और मुजम्मिल के संपर्क में रहता था.
डॉ. निसार- अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा डॉक्टर निसार अभी तक हत्थे नहीं चढ़ा है. निसार की बीवी और बहन को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. यूनिवर्सिटी के 10 एमबीबीएस छात्रों के मोबाइल जब्त कर उनका डेटा खंगाला जा रहा है. निसार भी उमर का बेहद करीबी है. निसार अलफलाह की मेडिसिन डिपार्टमेंट में रेजीडेंट डॉक्टर था.
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