- लाल किला आतंकी विस्फोट केस में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाला ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल'' सामने आया है
- गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद पर जैश के चीफ मसूद अजहर के भतीजे की पत्नी से कनेक्शन होने का आरोप है
- जांच एजेंसियों को शक है कि शाहीन के जरिए जैश द्वारा इस 'सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल' को टेरर फंडिंग की जा रही थी
दिल्ली के लाल किला के पास हुए आतंकी विस्फोट मामले में जैसे-जैसे जांच बढ़ती जा रही है, ‘‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल'' की असली सच्चाई भी सामने आ रही है. 13 लोगों की जान लेने वाले इस आतंकी विस्फोट मामले में हरियाणा के फरीदाबाद के अल- फलाह यूनिवर्सिटी से डॉ मुजम्मिल के साथ गिरफ्तार डॉ शाहीन सईद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. डॉ शाहीन सईद पर भारत में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की महिला भर्ती शाखा का हिस्सा होने का आरोप है. सूत्रों की माने तो जांचकर्ताओं को जैश के चीफ मसूद अजहर के भतीजे उमर फारूक की बीवी अफीरा बीबी और शाहीन सईद के बीच का कनेक्शन पता चला है.
आरोप है कि अफीरा बीबी भारत में रह रही शाहीन के संपर्क में थी. कथित तौर पर शहीन सईदा मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर और अफीरा बीबी के कहने पर ही भारत में जैश की महिला विंग- जमात उल मोमिनात को तैयार कर रही थी. गौरतलब है कि पुलवामा अटैक के एक महीने बाद एक एनकाउंटर में मसूद अजहर का भतीजा उमर फारूक मारा गया था.
पाकिस्तान में बना मसूद अजहर के भतीजे उमर फारूक का नेशनल आईडी कार्ड
पाकिस्तान में बना उमर फारूक की पत्नी आरीफा बीबी का नेशनल आईडी कार्ड
तो कौन है डॉ शाहीन सईद?
लाल किला के पास विस्फोट अल- फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार करने और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त करने के कुछ घंटों बाद हुआ था. इन गिरफ्तारियों से जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक ‘‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल'' का खुलासा हुआ, जो कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था. गिरफ्तार लोगों में शामिल डॉ. मुजम्मिल गनई के साथ-साथ डॉ शाहीन सईद भी शामिल थी.
शाहीन सईद मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली है. शाहीन को उसकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. लखनऊ पुलिस ने बुधवार को उनके भाई को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया.
शाहीन सईद ने महाराष्ट्र निवासी जफर हयात से विवाह किया था. हालांकि 2015 में दोनों का तलाक हो गया था. शाहीन शाहिद के बड़े भाई ने बुधवार को अपनी बहन के आतंकवादी गतिविधियों से कथित जुड़ाव पर अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उनके परिवार को अब भी यह यकीन नहीं हो रहा है कि वह किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल रही होगी. दूसरी ओर, शाहीन के पूर्व पति ने कहा कि उसने अपने विवाहित जीवन में कभी बुर्का नहीं पहना और अपने बच्चों के लिए एक प्यारी और देखभाल करने वाली मां थीं, और बेहतर जीवन की चाहत में वह विदेश जाना चाहती थी.
तलाक के बाद सईद अल- फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ गई थी और वहां अकेली रह रही थी. संभावना है कि इस दौरान सईद किसी विशेष विचारधारा के प्रभाव में आ गई. जांच एजेंसियों को शक है कि शाहीन के जरिए ही इस मॉड्यूल को जैश की तरफ से टेरर फंडिंग हो रही थी.













