- एनआईए ने दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस की जांच के लिए दस अफसरों की विशेष टीम गठित की है
- जांच टीम में आईजी, दो डीआईजी, तीन एसपी और अन्य डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं
- गृह मंत्रालय ने लाल किला धमाका मामले की जांच नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी को सौंपी है
दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच टीम का गठन किया है. NIA के एडीजी विजय सखारे के नेतृत्व में टीम इस हाई प्रोफाइल केस की गुत्थी सुलझाने और गुनहगाहों को पकड़ने की चुनौती से निपटेगी. NIA ने इसके लिए स्पेशल 10 अफसरों की टीम तैयार की है. इसमें आईजी , दो डीआईजी और तीन एसपी और बाकी डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. गृह मंत्रालय ने लाल किला धमाका मामले की जांच नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी को सौंपी है.
एनआईए अफसरों की मीटिंग
एनआईडी डीजी (NIA DG) और आईबी चीफ की बुधवार को मीटिंग भी हुई. जांच के लिए NIA की टीम दिल्ली पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस से जैश ए मोहम्मद के इस टेरर मॉड्यूल की तमाम केस डायरी अपने कब्जे में लेगी. यूपी एटीएस से भी सहयोग लिया जाएगा. आतंकी डॉक्टरों के इस मॉड्यूल से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल की फंडिंग और ऑपरेशन के मास्टरमाइंड को भी उजागर करने की चुनौती एनआईए के सामने होगी.
केरल कैडर के आईपीएस अफसर
विजय सखारे 1996 बैच के केरल कैडर के अफसर हैं. वो एनआईए में इंस्पेक्टर जनरल पद पर भी कार्यरत रहे हैं. सितंबर 2025 में उन्हें एनआईए में एडीजी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. एनआईए आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच की जिम्मेदारी संभालती है. दिल्ली लाल किला ब्लास्ट में फरीदाबाद, सहारनपुर, अनंतनाग से पुलवामा तक कनेक्शन सामने आया है.
खबरों के मुताबिक, संदिग्ध हमलावर डॉ. उमर मोहम्मद ही उस कार में सवार था, जिसमें लाल किले के पास धमाका हुआ और उसमें 9 लोगों की मौत हुई है. फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल में अब तक डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. आदिल अहमद, डॉ. शाहीना को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी डॉक्टरों का संबंध फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से मिला है.













