- लाल किला विस्फोट में शामिल जैश का मॉड्यूल कश्मीर के अस्पतालों को हथियार भंडारण केंद्र बनाना चाहता था
- जैश और हमास के बीच बढ़ती नजदीकियों के कारण जैश मॉड्यूल को हमास से तकनीकी सहायता मिलने की संभावना जताई गई है
- गुजरात एटीएस ने हैदराबाद से डॉक्टर की गिरफ्तारी के दौरान बायोलॉजिकल वेपन बनाने के लिए सामग्री बरामद की है
दिल्ली के लाल किला विस्फोट में शामिल जैश का मॉड्यूल कश्मीर के अस्पतालों को बड़े हथियार भंडारण केंद्रों में बदलने की योजना बना रहा था. ठीक उसी तरह जैसे गाजा के अस्पतालों में हमास हथियार जमा करता है. एनआईए की जांच के दौरान यह बड़ा खुलासा हुआ है. जिस तरह हमास ने गाजा के अल-शिफा अस्पताल को हथियार भंडारण स्थल के रूप में इस्तेमाल किया था, उसी तरह जैश का यह मॉड्यूल बारामूला, अनंतनाग और बडगाम के कई अस्पतालों को हथियार भंडारण केंद्रों में बदलने की कोशिश कर रहा था.
एनआईए सूत्रों के अनुसार, हमास और जैश कैडरों के बीच बढ़ती नज़दीकियों के बारे में जानकारी मिलने के बाद, इस बात की संभावना काफी बढ़ गई है कि इस जैश मॉड्यूल को हमास से तकनीकी सहायता भी मिल रही थी. इसके बाद, जांच एजेंसी को अहम जानकारी मिली. यह अहम खुलासा लाल किला विस्फोट मामले में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए डॉ. अदील राठर से पूछताछ के दौरान भी हुआ.
जैश का "डॉक्टर आतंकी मॉड्यूल" अनंतनाग, श्रीनगर, बारामूला और नौगाम के अस्पतालों को ऐसे घातक हथियारों के भंडारण केंद्र बनाने की साजिश रच रहा था. यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने कश्मीर के अस्पतालों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की, जहां आरोपी डॉक्टरों के लॉकरों से हथियार बरामद किए गए.
बायोलॉजिकल वेपन भी बना रहे थे
गुजरात एटीएस ने पिछले दिनों तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. इसी मामले में हैदराबाद से एक डॉक्टर की भी गिरफ्तारी हुई थी. एटीएस जब हैदराबाद में डॉक्टर अहमद सैयद के घर पहुंची, तो वहां से बड़ी मात्रा में आतंकवाद से जुड़ी कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिली थी.
डॉ. अहमद के भाई उमर ने बताया कि 10 लोग बुधवार तड़के वहां आए और अपने साथ 3 किलो अरंडी का गूदा, 5 लीटर एसीटोन, कोल्ड प्रेस ऑयल एक्सट्रैक्शन मशीन और एसीटोन की डिलीवरी वाली एक रसीद ले गए. उमर का कहना है कि उसके भाई अहमद ने चीन से मेडिकल की पढ़ाई की है. उसे किसी ने एक प्रोजेक्ट दिया था. बता दें कि अरंडी के गूदे से बहुत ही जहरीला रिसिन बनाया जाता है. उमर का कहना है कि उसे नहीं लगता कि उसके भाई अहमद को रिसिन के खतरनाक जहर के बारे में पता था.
बता दें कि रिसिन बहुत ही जहरीला प्राकृतिक प्रोटीन है. अरंडी के गूदे से तेल निकालने के बाद रिसिन निकलता है. यह बहुत ही पावरफुल जहर है, जिसका इस्तेमाल बायोलॉजिकल वेपन बनाने में किया जा सकता है. रिसिन अगर सांस के साथ शरीर में चला जाए या फिर इसका इंजेक्शन लगा दिया जाए या फिर इसे निगल लिया जाए तो भी जान जा सकती है. इसी मॉड्यूल के दूसरे आतंकी यूपी के लखीमपुर के रहने वाले मोहम्मद सुहैल से ISIS के काले झंडे भी बरामद हुए हैं.














