दिल्ली चुनाव 2025: गांधी नगर में क्या लवली खिला पाएंगे कमल,क्या है कांग्रेस और आप की तैयारी

गांधी नगर विधानसभा दिल्ली की उन सीटों में से एक है,जहां पहले कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था. लेकिन 2013 के बाद से कांग्रेस यह सीट आज तक नहीं जीत पाई है. वहां से चार बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए अरविंदर सिंह लवली इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.

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नई दिल्ली:

चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. दिल्ली में एक चरण में पांच फरवरी को मतदान कराया जाएगा. वोटों की गिनती का काम आठ फरवरी को होगा. इसके साथ ही दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मियां काफी बढ़ गई हैं.हम आपको दिल्ली की विधानसभा सीटों के बारे में बता रहे हैं. इसी कड़ी में आइए इस बार जानते हैं हम गांधी नगर विधानसभा सीट के बारे में. क्या है इस सीट का इतिहास और कैसा है इस बार का समीकरण. 

कब बनी थी गांधी नगर विधानसभा सीट

गांधी नगर दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है. यह सीट 1993 में अस्तित्व में आई थी. पिछले कुछ चुनावों से इस सीट का नाम अरविंदर सिंह लवली की वजह से है. वो यहां से चार बार लगातार चुनाव जीत चुके हैं. वो पहली बार 1998 में यहां से विधायक चुने जाते रहे. अपना अंतिम चुनाव यहां लवली ने 2013 में जीता था. इतनी जीत के बाद लवली दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हो गए.कांग्रेस ने उन्हें शीला दीक्षित के मंत्रिमंडल में शामिल किया और अपना प्रदेश अध्यक्ष तक बनाया. लेकिन वो दो बार पार्टी बदल कर बीजेपी में जा चुके हैं. पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले ही वो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें गांधी नगर से टिकट दिया है.

अरविंदर सिंह लवली का उदय

साल 1993 में अस्तित्व में आई गांधी नगर सीट से पहली बार बीजेपी के दर्शन कुमार बहल चुनाव जीते थे. लेकिन उसके बाद से बीजेपी गांधी नगर में जीत के लिए तरस रही है. साल 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली पर दांव लगाया था. लवली यह चुनाव जीतने में कामयाब रहे. अपने पहले चुनाव में लवली ने बीजेपी के सिविंदजीत सिंह बावेजा को छह हजार सात सौ 62 वोटों के अंतर से हराया था. उस चुनाव में लवली को 21 हजार 905 वोट और बावेजा को 15 हजार 143 वोट मिले थे. इस जीत के बाद लवली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो 2013 तक इस सीट से जीतते रहे. वो गांधी नगर से तब भी जीते जब आम आदमी पार्टी ने अपना पहला चुनाव लड़ा. लेकिन 2015 में वो यहां से चुनाव नहीं लड़े. उस चुनाव में यह सीट आम आदमी पार्टी के अनिल बाजपेयी ने जीती थी. उन्होंने बीजेपी के जितेंद्र को सात हजार से अधिक वोटों के अंतर से मात दी थी. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 70 में से 67 सीटें जीत ली थीं. 

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नई दिल्ली विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के साथ अरविंदर सिंह लवली.

दलबदलुओं के सहारे है बीजेपी

साल 2020 के चुनाव से पहले अनिल वाजपेयी आप को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. वो इस सीट से दूसरी बार भी जीतने में कामयाब रहे. वाजपेयी ने आप के नवीन चौधरी को छह हजार 79 वोटों के अंतर से मात दी थी. वाजपेयी को 48 हजार 657 वोट मिले और चौधरी को 42 हजार 610 वोट मिले थे. इस चुनाव में कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया था. उन्हें 21 हजार 818 वोट मिले थे. वो तीसरे नंबर पर रहे थे. लेकिन 2025 के चुनाव में बीजेपी ने वाजपेयी का टिकट काटकर अरविंदर सिंह लवली को उम्मीदवार बना दिया है.इस तरह बीजेपी ने गांधी नगर का रण जीतने के लिए एक बार फिर एक दलबदलु पर ही भरोसा जताया है. इस सीट पर इस बार भी आप ने नवीन चौधरी पर ही भरोसा जताया है. लेकिन कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस अनिल कुमार वाजपेयी को उम्मीदवार बना सकती है. गांधी नगर का ताज किसके सिर सजता है, इसका पता आठ फरवरी को चलेगा, जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे. 

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