Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में पास हुआ कृषि कानून को निरस्त करने का प्रस्ताव

आज दिल्ली विधानसभा में मॉनसून सत्र के दौरान कृषि कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव पास हुआ. आम आदमी पार्टी (AAP) के क्षेत्रीय विधायक जरनैल सिंह (MLA Jarnail Singh) ने कृषि कानून को निरस्त करने का प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा.

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Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में पास हुआ कृषि कानून को निरस्त करने का प्रस्ताव.
नई दिल्ली:

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने शुरू से ही समर्थन किया है. दिल्ली सरकार कई बार केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर चुकी है. इस क्रम में आज दिल्ली विधानसभा में मॉनसून सत्र के दौरान कृषि कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव पास हुआ. आम आदमी पार्टी (AAP) के क्षेत्रीय विधायक जरनैल सिंह (MLA Jarnail Singh) ने कृषि कानून को निरस्त करने का प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा.

जरनैल सिंह ने कहा कि 8 महीने से किसान कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे हैं. 600 से ज़्यादा किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री ने अभी तक कोई संवेदना तक व्यक्त नहीं की. किसानों ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या की है. सभी किसानों से उनकी जमीन छीनकर राशन की दुकान की लाइन में लगाना योजना है. राज्यसभा में बिल कैसे पास किया गया सभी ने देखा. इस सिस्टम पर ऐसी सरकार पर शर्म आती है जो अपने लोगों के बारे में नहीं सोचती. देश की महिलाओं ने पहली बार संसद लगाई जंतर-मंतर पर. ये सदन इस बात की सिफारिश करता है कि केंद्र सरकार किसानों से बात करे.

वहीं दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर बिधूड़ी ने कहा कि ये तीन कानून पास किये गए उनमें से एक कानून को अरविंद केजरीवाल की सरकार ने स्वीकृति दी. इस कानून से कृषि उत्पादन बढ़ेगा, किसान समृद्ध होंगे. मंडी में भी उत्पादन बढ़ेगा. मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री से मांग करूंगा कि मुख्यमंत्री ने जो कमिटमेंट दिया था कि केंद्र सरकार द्वारा जो गेहूं और धान तय की जाएगी दिल्ली सरकार उससे 50% ज़्यादा कीमत गेंहू और धान पर देगी वो आज तक पूरा नहीं हुआ है इसे पूरा करें. मेरी ये भी मांग है कि ग्रामसभा की ज़मीन पर कोई इंडस्ट्री डेवलप करके व्यापार न करें. इसके साथ ही देश के किसानों के लिए 6 योजनाएं तो प्रधानमंत्री ने शुरू की हैं, उन्हें दिल्ली में लागू किया जाए. किसान को बिजली फ्री मिले और जो कृषि उपकरण हैं उनकी खरीद पर किसानों को सब्सिडी दी जाए.

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सत्येंद्र जैन ने कहा कि मैं समर्थन करता हूं कि ग्रामसभा की ज़मीन सिर्फ ग्रामीणों के लिए उपयोग की जाए. ये ज़मीन DDA के अधीन है. भंडारण क्षमता की लिमिट किसान के लिए नहीं व्यापारियों के लिए हटाई जा रही है. 2015-16 में इस देश मे बहुत बड़ा घोटाला हुआ था. दालों की कीमत 150 तक पहुंच गई थी. एक कम्पनी ने औने-पौने दाम पर दाल खरीदी और फिर ऊंचे दामों पर बेची. कुछ राज्यों को छोड़कर मंडी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है. MSP को खत्म कर देंगे. किसान कह रहे हैं ये कानून नहीं चाहिए. फिर भी सरकार लागू कर रही है. नेता प्रतिपक्ष ने एक भी कानून की तारीफ नहीं की सिर्फ जुमले कहे. ये सारे कानून बड़ी-बड़ी कम्पनियों के लिए बनाए गए हैं. मेरा कहना है कि तीनों कृषि कानूनों को बिना शर्त केंद्र सरकार को वापस लेना चाहिए.

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