- दिल्ली के आनंद विहार में AQI लेवल गंभीर श्रेणी में पहुंचकर 350 से ऊपर हो गया है
- नोएडा और गाजियाबाद में भी वायु प्रदूषण का स्तर खराब होकर एक्यूआई 269 और 261 तक पहुंच गया है
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में पुरानी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर बैन की सिफारिश की है
Delhi Air Pollution Level: दिल्ली में दिवाली के पहले हवा में जहर घुलने लगा है. आनंद विहार में AQI 350 के पार पहुंच गया है, जबकि नोएडा में भी प्रदूषण का हाल बेहाल है. नोएडा में भी एक्यूआई 269 तक पहुंच गया है. दिल्ली-एनसीआर में हवा में जहरीले कणों की मात्रा बढ़ने के बाद मंगलवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-I लागू कर दिया था. इसमें पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों को न चलाने की सिफारिश की गई है. हालांकि उस पर अभी बैन नहीं लगा है. सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) लागू किया गया है.
आज सुबह दिल्ली की हवा का हाल
दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. पूरे दिल्ली की बात करें तो औसत एक्यूआई 211 तक पहुंच गया है, जो खराब हालत को दिखाता है.
यूपी के शहरों का भी बुरा हाल
नोएडा में प्रदूषण के खराब स्तर के साथ गाजियाबाद में भी एक्यूआई 261 तक पहुंच गया है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदूषण का स्तर खराब है.
यूपी के शहरों का हाल
नोएडा-251
ग्रेटर नोएडा-194
गाजियाबाद- 261
हापुड़-204
गाजियाबाद का AQI
वसुंधरा - 259
लोनी - 275
संजय नगर- 232
इंदिरापुरम - 260
गुरुग्राम से पलवल तक हालत खराब
हरियाणा में भी गुरुग्राम के साथ, पलवल और अन्य शहरों में वायु प्रदूषण खराब होता जा रहा है. गुरुग्राम में एक्यूआई 216 तक पहुंच गया है. बहादुरगढ़ (हरियाणा) में 229 और बल्लभगढ़ में प्रदूषण का स्तर 198 तक पहुंच गया है.
हरियाणा के औसत शहर एक्यूआई
बहादुरगढ़ (हरियाणा)- 229
बल्लभगढ़ -198
भिवाड़ी-189
पानीपत-186
रोहतक-221
GRAP 1 लागू हुआ
वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने के बाद ग्रैप 1 यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 1 के तहत पाबंदी लगाई जाती है. एक्यूआई 200 की सीमा से अधिक होने के बाद पाबंदियां लगाई जाती हैं.
दिल्ली का AQI पहुंचा 211
14 अक्टूबर को दिल्ली का एक्यूआई 211 था, जो खराब श्रेणी दिखाता है. लेकिन GRAP-1 के तहत सड़क किनारे होटल और रेस्तरां में कोयले के इस्तेमाल पर रोक होती है. खुले में कचरा जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है. कार्बन उत्सर्जन को भी सख्त बनाया जाता है.