- दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में कथित एसिड अटैक मामले की जांच में पूरी कहानी झूठी साबित हुई है
- पीड़िता के पिता अकील खान ने एसिड अटैक की पूरी घटना खुद रची और आरोपी युवकों को फंसाने की साजिश रची थी
- पुलिस जांच में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन से पता चला कि आरोपी घटना के वक्त घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे
दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में 20 वर्षीय छात्रा पर हुए कथित एसिड अटैक केस ने शहर को दहला दिया था. सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक हर जगह इस वारदात की चर्चा थी लेकिन पुलिस जांच ने जब इस ‘हमले' का सच सामने लाया, तो पूरी कहानी ही पलट गई. अब वही पिता अकील खान, जो अपनी बेटी के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहा था, खुद सलाखों के पीछे है. भलस्वा डेयरी थाना पुलिस ने उसे संगम विहार से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद उसने कबूल किया कि एसिड अटैक की पूरी कहानी उसने खुद रची थी.
फंसाने की साजिश: पिता ने कहा - जितेंद्र से था पुराना झगड़ा
पुलिस पूछताछ में अकील खान ने हैरान कर देने वाला सच बताया. उसने कहा कि उसकी बेटी पर किसी ने हमला नहीं किया था, बल्कि उसने जितेंद्र नाम के युवक को फंसाने के लिए पूरी कहानी बनाई. दरअसल, अकील का जितेंद्र से पुराना विवाद था. जितेंद्र की पत्नी से भी उसका झगड़ा चल रहा था. इसीलिए उसने ईशान और अरमान नाम के दो युवकों को भी साजिश में फंसा दिया, ताकि जितेंद्र की पूरी टोली ही बदनाम हो जाए.
पीड़िता की शिकायत और कहानी की कैसे हुई शुरुआत
20 वर्षीय छात्रा ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दी थी कि जब वह कॉलेज जा रही थी, तो तीन युवकों ने मोटरसाइकिल से आकर उस पर एसिड फेंक दिया. उसने जितेंद्र, ईशान और अरमान के नाम बताए थे. छात्रा का दावा था कि जितेंद्र उसे लंबे समय से परेशान करता था और धमकी देता था. इस घटना के बाद छात्रा का चेहरा आंशिक रूप से झुलस गया था, और सोशल मीडिया पर सहानुभूति की लहर दौड़ गई थी.
सीसीटीवी फुटेज ने कहानी पलट दी
जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ी, सबूत कहानी से मेल नहीं खाने लगे. करोल बाग इलाके के एक सीसीटीवी फुटेज में जितेंद्र घटना के वक्त मोटरसाइकिल से अपने काम पर जाते हुए दिखा, जो घटना स्थल से कई किलोमीटर दूर था. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और टाइमिंग मिलाई. और यह साफ हो गया कि जितेंद्र वारदात के वक्त घटनास्थल पर था ही नहीं.
फिर आया सबसे बड़ा खुलासा – एसिड नहीं, टॉयलेट क्लीनर था!
पुलिस ने जब अकील खान से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने स्वीकार किया कि वास्तव में एसिड अटैक हुआ ही नहीं था. जिस लिक्विड को एसिड बताया जा रहा था, वह साधारण टॉयलेट क्लीनर था. छात्रा के कपड़ों पर मिले दाग और गंध की जांच लैब में हुई, तो रिपोर्ट ने पिता की झूठी कहानी की पोल खोल दी.
पुलिस का क्या कहना है?
पूरे मामले पर स्पेशल सीपी रवींद्र यादव ने कहा है कि लड़की का पूरा परिवार साजिश में शामिल है. एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश की गई थी. जितेंद्र की पत्नी ने रेप की शिकायत की इसलिए उसे फंसाया गया. जितेंद्र के साथ जिन दो दोस्तों पर पीड़ित ने आरोप लगाए उनकी मां पर 2018 में पीड़ित के परिवार ने एसिड फेंका था.तब उन लोगों ने विक्टिम के परिवार पर केस दर्ज कराया था.
स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) रवींद्र यादव ने इस केस में सटीक सबूतों के साथ बताया कि पुलिस ने जिस मोबाइल को अकील खान से बरामद किया, उसमें जितेंद्र की पत्नी के 13 से ज्यादा अश्लील वीडियो और 50 से अधिक तस्वीरें मिलीं. जांच में यह भी पता चला कि इन्हीं फोटो और वीडियो के सहारे अकील खान, जितेंद्र और उसकी पत्नी को ब्लैकमेल कर रहा था.
जितेंद्र की पत्नी की भी नई शिकायत
मामले ने तब नया मोड़ लिया जब जितेंद्र की पत्नी ने खुद भलस्वा थाने में शिकायत दर्ज कराई. उसका आरोप था कि छात्रा का पिता अकील खान उसे ब्लैकमेल कर रहा था और उसके पास उसकी अश्लील तस्वीरें थीं, जिन्हें वह जितेंद्र को भेजकर बदनाम करने की कोशिश कर रहा था. इस शिकायत ने पुलिस की जांच को एकदम नई दिशा दे दी.
अब जांच पिता और बेटी दोनों पर
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि यह मामला अब ‘फर्जी एसिड अटैक केस' के रूप में दर्ज किया गया है. तकनीकी साक्ष्य, लोकेशन डाटा, मेडिकल रिपोर्ट और बयानों की तुलना के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह एक ‘प्लांड झूठ' था. पुलिस ने कहा कि दोषी पाए जाने पर छात्रा और उसके पिता दोनों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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