उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सड़क दुर्घटना (Dehradun Road Accident) की रूह कंपा देने वाली तस्वीरों ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. छह छात्रों को लील लेने वाले इस सड़क हादसे की हर जगह चर्चा हो रही है. सोमवार देर रात हुए इस हादसे के बाद सोशल मीडिया से आम लोगों तक इसी का जिक्र है. छात्रों के क्षत-विक्षत शरीरों को देखना तो दूर उनके बारे में सुनकर ही कलेजा मुंह को आ जाता है. वहीं इनेवो की हालत देखकर एक बार यकीन ही नहीं होता कि यह इनोवा है. वहीं जिस मजबूत कंटेनर से यह कार टकराई है, वह एक ओर से दब गया है. देहरादून पुलिस का मानना है कि आखिरी के 500 से 700 मीटर की दूरी में गाड़ी की रफ्तार काफी तेज रही होगी.
देहरादून के ओएनजीसी चौक के नजदीक 11 नवंबर की रात करीब दो बजे यह दिल दहला देने वाला हादसा हुआ था. इस दुर्घटना के बाद प्रशासनिक अमला पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जितने भी सीसीटीवी फुटेज देखे गए उन सभी में कहीं पर भी ओवर स्पीड नजर नहीं आई है. हालांकि उन्होंने माना की आखिर के 500 से 700 मीटर की दूरी में गाड़ी काफी तेज रही.
घायल छात्र के स्वस्थ होने के बाद साफ होगी स्थिति
उन्होंने यह भी कहा कि परिजनों से बातचीत के बाद यह लग रहा है कि बच्चों ने पार्टी जरूर की थी, लेकिन अधिक ड्रिंक को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि घायल छात्र के जल्द स्वस्थ होने के बाद पूछताछ के जरिए ही इस मामले में सब कुछ साफ हो पाएगा.
पुलिस ने लोगों से की ओवर स्पीड से बचने की अपील
एसएसपी अजय सिंह ने सभी परिजनों और बच्चों से अपील की है कि ओवर स्पीड से बचें. उन्होंने कहा कि निर्धारित मानक के तहत ही सभी लोगों को ड्राइविंग करनी चाहिए. इसके साथ ही साथ ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर भी देहरादून के पुलिस कप्तान ने लोगों को आगाह किया है.
अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करेंगे परिजन : पुलिस
उन्होंने यह भी कहा है कि बच्चों के पेरेंट्स ने पुलिस से मौखिक रूप से ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने की बात कही है, जो सोशल मीडिया में अफवाह फैला रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पेरेंट्स ने कहा है कि कुछ लोग सोशल मीडिया में कुछ फुटेज डाल रहे हैं और बता रहे हैं कि वह उसी दिन का है. उन्होंने कहा कि जब तक घायल छात्र ठीक नहीं हो जाता है, तब तक स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं हो पाएगी.
10 साल में 15 लाख लोगों की मौतें
देश में सड़क हादसों में हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. 2014 से 2023 के दौरान देश में 15 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं. यह 2004 से 2013 के बीच हुई मौतों से कहीं ज्यादा है. उन दस सालों के दौरान करीब 12 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जान चली गई थी.