रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने सेना द्वारा पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने के बाद मृत पाए गए तीन नागरिकों का परोक्ष उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि सैनिक देश को सुरक्षित रखते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जो नहीं होनी चाहिए. सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंचे सिंह ने कहा, 'राष्ट्र की सुरक्षा का अपना कर्तव्य निभाते हुए लोगों का दिल जीतना सैनिकों की जिम्मेदारी है.'
तीन नागरिकों की मौत के बाद लोगों में आक्रोश देखा गया है
रक्षा मंत्री का बयान 22 दिसंबर को पुंछ जिले में कथित तौर पर तीन नागरिकों की हत्या पर आक्रोश के बीच आया है. पिछले सप्ताह सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार जवानों के शहीद होने के बाद सुरक्षाबलों ने घटना के संबंध में पूछताछ के लिए तीन लोगों को उठाया था. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृत नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की है. इसमें कहा गया है कि चिकित्सा-कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
सेना ने आंतरिक जांच का दिया है आदेश
सेना ने नागरिकों की मौत की गहन आंतरिक जांच का आदेश दिया और कहा कि वह जांच में पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है. सिंह ने कहा कि युद्ध को जीतने और आतंकवाद को खत्म करने के लिए आपको लोगों के दिलों को जीतना होगा. उन्होंने कहा, 'हम किसी भी युद्ध को जीत लेंगे और आतंकवाद का भी ख़त्मा करेंगे, लेकिन इस दौरान हमें लोगों का दिल भी जीतना है - और यह आपके कंधों पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी है.'
राजनाथ सिंह के जम्मू-कश्मीर दौरे से कोई उम्मीद नहीं : फारूक
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जम्मू-कश्मीर यात्रा से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. हालांकि उम्मीद जताई कि पुंछ में नागरिकों की मौत जैसी घटनाएं पुन: नहीं होंगी. अब्दुल्ला ने यहां से 80 किलोमीटर दूर कुलगाम में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, 'मुझे उनकी यात्रा से कोई उम्मीद नहीं है. क्या वह मृतक नागरिकों को वापस ला सकते हैं? क्या उनके पास वह शक्ति है? लेकिन वह इतना कर सकते हैं कि इस प्रकार का अन्याय दोबारा नहीं हो.' उन्होंने कहा कि सिंह यात्रा कर रहे हैं 'क्योंकि हमारे लोग मारे गए हैं ' और मंत्री 'प्रभावित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाएंगे.'
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