केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के जवानों और पूर्व सैनिकों को चिकित्यकीय सलाह मुहैया कराने के लिए बृहस्पतिवार को एक ऑनलाइन सेवा शुरू की, ताकि उन्हें बिना किसी परेशानी के चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध हो सकें. सिंह ने कहा कि ऑनलाइन ओपीडी यानी बाह्य रोगी मंच के जरिए अस्पतालों का बोझ कम करने के साथ ही दूरस्थ इलाकों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी. ऑनलाइन कार्यक्रम में इस सेवा की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ सैनिकों के स्वास्थ्य के लिए इस संकटपूर्ण समय में यह बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.''
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
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रक्षा मंत्री ने कोरोना वायरस संकट का जिक्र करते हुए कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर केवल अप्रत्याशित नहीं बल्कि पहली लहर से काफी खतरनाक भी है. उन्होंने कहा कि देश में वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में सशस्त्र बलों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार लगातार स्थिति की निगरानी कर रही है और उच्च स्तरीय समितियों और मंत्रियों के एक समूह के माध्यम से दवाओं, मेडिकल ऑक्सीजन और अन्य उपकरणों की आपूर्ति में सुधार के प्रयास भी कर रही है. रक्षा मंत्री ने कोरोना वायरस के उपचार के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की अग्रणी प्रयोगशाला ‘नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान' (इनमास) द्वारा विकसित ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज' (2-डीजी) का भी जिक्र किया. इसे हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज के साथ मिलकर विकसित किया गया है.
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उन्होंने कहा कि इस दवा के नतीजे काफी अच्छे हैं. डीआरडीओ ने इस माह की शुरुआत में कोरोना वायरस के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के उपचार के लिए दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी. सिंह ने कहा, ‘‘ मैं खुश हूं कि आज बाजार में दवा के 10 हजार पाउच आ रहे हैं.'' यह दवा पाउडर के रूप में आती है, जिसे पानी में मिलाकर पिया जाता है.