वंदे मातरम के साथ छल हुआ, इस पीढ़ी को भी पता चले... प्रियंका गांधी को राजनाथ का जवाब

वंदे मातरम 150 वर्ष पूरे होने पर संसद में हो रही विशेष चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वंदेमातरण को उपेक्षित किया गया और उसके साथ छल किया, इसे सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए. रक्षा मंत्री का ये जवाब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को दिया था, जिन्होंने चर्चा के दौरान सवाल उठाया कि वंदे मातरम पर चर्चा क्यों हो रही है.

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  • वंदे मातरम के 150 वर्ष होने पर विशेष चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री ने इसके उपेक्षापूर्ण इतिहास पर प्रकाश डाला
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वंदे मातरम को राजनीतिक रूप से खंडित किया गया और इसके साथ अन्याय हुआ है
  • कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वंदे मातरम पर चर्चा की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए इसे अनावश्यक बताया
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वंदे मातरम 150 वर्ष पूरे होने पर संसद में हो रही विशेष चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वंदेमातरण को उपेक्षित किया गया और उसके साथ छल किया, इसे सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए. रक्षा मंत्री का ये जवाब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को दिया था, जिन्होंने चर्चा के दौरान सवाल उठाया कि वंदे मातरम पर चर्चा क्यों हो रही है. प्रिंयका गांधी वाड्रा ने संसद में चर्चा के दौरान पूछा था कि ऐसे समय में जब लोग तमाम समस्याओं से घिरे हैं, ऐसे में वंदे मातरम पर चर्चा की आवश्यकता क्या है?

प्रियंका गांधी वाड्रा के सवाल- वंदे मातरम पर आज चर्चा क्यों रही है, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा, "वंदेमातरण को उपेक्षित किया गया. उसे खंडित किया गया. वह धरती जिस पर वंदे मातरम की रचना हुई थी, उसी धरती पर 1937 में कांग्रेस ने उसे खंडित करने का निर्णय लिया था. वंदेमातरम के साथ हुए राजनीतिक छल और अन्याय के बारे में सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए, इसीलिए इस पर चर्चा हो रही है. क्योंकि यह अन्याय एक गीत के साथ नहीं था, यह आजाद भारत के लोगों के साथ था.

क्या कहा था प्रियंका गांधी वाड्रा ने?

सदन में चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि आज की यह बहस मुझे अजीब सी लग रही है. यह गीत देश की आत्मा का हिस्सा है. देशवासियों के दिलों में यह गीत बस चुका है. तो आज इस बहस की क्या आवश्यकता है. हमारा यहां मकसद क्या है? उन्होंने कहा, "आज मोदी जी वह प्रधानमंत्री में थे, जो एक समय में थे. सच यह है कि यह दिखने लगा है. उनका आत्मविश्वास घटने लगा है. उनकी नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं. मेरे सत्ता पक्ष के साथी इसलिए चुप हैं, क्योंकि वे भी यह मानने लगे हैं. आज लोग तमाम समस्याओं से घिरे हैं. इनके भी लोग दबी जुबान में बोल रहे हैं कि सत्ता को केंद्रित करने से नुकसान हो रहा है. वंदेमातरम देश के कण-कण में हैं, इस पर बहस नहीं हो सकती. पीएम मोदी भाषण अच्छा देते हैं, लेकिन थोड़ा सा लंबा.

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