कृत्रिम मेधा संचालित और ‘डीपफेक' आधारित साइबर हमले वर्ष 2025 में तेजी से बढ़ने का अनुमान है. हाल में आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि इस दौरान साइबर हमलों के निशाने पर स्वास्थ्य सेवा और वित्त जैसे क्षेत्र सबसे अधिक होंगे.
रिपोर्ट में कहा गया, ''कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल बेहद शातिर ढंग से धोखाधड़ी के लिए किया जाएगा, जिनका पता लगाना कठिन होगा. इसमें ‘डीपफेक' तकनीक और व्यक्तिगत हमले शामिल हैं.''
इसमें बताया गया कि उपकरणों की कमजोरियों का फायदा उठाकर हमले किए जाएंगे, जिससे विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों में जरूरी सेवाएं बाधित हो सकती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया, ''भारत में स्वास्थ्य सेवा, वित्त और ऊर्जा सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र साइबर अपराधियों के लिए मुख्य लक्ष्य बने रहेंगे. इन हमलों का मकसद सेवाओं को बाधित करना, संवेदनशील आंकड़े चुराना और भू-राजनीतिक तनावों का फायदा उठाना होगा.''