महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन से संबंधित अयोग्यता याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला 15 फरवरी तक सुना दिया जाएगा. राकांपा में पिछले साल जुलाई में उस समय विभाजन हो गया था जब अजित पवार और आठ विधायकों ने पार्टी संस्थापक शरद पवार की इच्छा के विरुद्ध एकनाथ शिंदे सरकार का दामन थाम लिया था.
शरद पवार नीत धड़े ने अजित पवार और आठ विधायकों को अयोग्य कराने देने के अनुरोध के साथ याचिका दायर की थी.
इस मुद्दे पर नार्वेकर ने कहा, ‘‘सुनवाई पूरी हो गई है और इसे 31 जनवरी को आदेश के लिए बंद कर दिया जाएगा. हमारे अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी तक फैसला सुनाने की मोहलत दी है. मैं विश्वास दिला सकता हूं कि तब तक फैसला आ जाएगा.''
उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट से जुड़े राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर फैसला करने के लिए राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दी गई समयावधि सोमवार को 15 फरवरी तक बढ़ा दी.
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 30 अक्टूबर को राकांपा के शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल की इस याचिका पर फैसला करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को 31 जनवरी तक का समय दिया था. पाटिल की याचिका में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का हिस्सा बनने के लिए पाला बदलने वाले राकांपा विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध किया गया है.