भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा या नहीं, इस बारे में यहां की अदालत 25 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगी. अदालत उस दिन तय करेगी कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले से संबद्ध धोखाधड़ी और धनशोधन संबंधी आरोपों का सामना करने के मामलों में वांछित नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जाए, या नहीं. लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में जिला न्यायाधीश सैमुएल गूजी ने शुक्रवार को दलीलों की सुनवाई के बाद इस तारीख की पुष्टि की. वांछित हीरा व्यापारी हिरासत में है और वह पांच फरवरी को वीडियो- लिंक के माध्यम से 28 दिन की नियमित रिमांड सुनवाई के लिए पेश होगा. इससे पहले अदालत को बताया गया कि भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी एक ‘‘पोंजी जैसी योजना'' की देखरेख करने के लिए जिम्मेदार है, जिसकी वजह से भारत के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ धोखाधड़ी हुई.
नीरव मोदी के भारत को प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत में जारी अंतिम सुनवाई में यह कहा गया. मामले में ब्रिटेन की क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) भारतीय प्राधिकरण की ओर से बहस कर रही है. सीपीएस का जोर पहली नजर में धोखाधड़ी के मामले पर है. इसके साथ ही धनशोधन मामले पर भी जोर दिया जा रहा है. मामले में दो दिन की सुनवाई के दूसरे दिन यह कहा गया. नीरव मोदी, दक्षिण- पश्चिम लंदन स्थित वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये इस सुनवाई में शामिल हुआ.