दलित बच्चे की मौत : सचिन पायलट ने कहा- सिर्फ कानून बनाकर काम नहीं होगा, लोगों का विश्वास जीतना होगा

कांग्रेस नेता पायलट ने कहा- दलित बच्चे का परिवार सदमे में है, सरकार का इकबाल लोगों के जहन में होना चाहिए, सरकार को इस पर काम करना चाहिए

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सचिन पायलट ने कहा कि दलित बच्चे की पिटाई से मौत की घटना झकझोर कर देने वाली है.

नई दिल्ली:

राजस्थान (Rajasthan) के कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने दलित बच्चे (Dalit Boy) की पिटाई से मौत के मामले में NDTV से बातचीत में कहा कि, यह बहुत ही दुखद घटना थी. मासूम बच्चे की पिटाई की गई और उसकी मौत हो गई. यह झकझोर दने वाली घटना है. उन्होंने कहा कि मैं आज पीड़ित परिवार से मिला हूं, पूरा परिवार सदमे में है. सरकार ने शिक्षक के खिलाफ केस किया है. स्कूल की मान्यता रद्द की गई है, लेकिन बच्चे के परिजनों पर लाठीचार्ज हुआ है, यह पुलिस की ज़्यादती है. इस पर कुछ कार्रवाई होनी चाहिए.

सचिन पायलट ने कहा कि, सिर्फ कानून बनाकर काम नहीं होगा, लोगों का विश्वास जीतने के लिए हमें बहुत कुछ करना होगा. सरकार का इकबाल लोगों के जहन में होना चाहिए. यह विश्वास कायम करना ज़रूरी है, सरकार को इस पर काम करना चाहिए.

पायलट ने कहा कि, मैं विपक्ष में था तब भी सवाल पूछता था, अब भी कह रहा हूं, हमें सिस्टम की कमियां देखनी होंगी. लोगों में कानून का डर नहीं है. इस मानसिकता को खत्म करना होगा. सामूहिक कार्य करना होगा. इस घटना से नकारात्मक वातावरण बना है. ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए. और भी घटनाएं हुई हैं ऐसी. यह वातावरण कैसे बना, इस पर ध्यान देना होगा.

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उन्होंने कहा कि, दलित, पिछड़ों को मदद की ज्यादा जरूरत है. धरातल पर इनके विश्वास को जीतना होगा. हमारे एक्शन दिखाते हैं कि हमारी नीयत कैसी है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद मिली है, लेकिन वे लोग डरे हुए हैं.
मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस पर कार्रवाई होगी.

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सचिन पायलट ने कहा कि, बात चुनाव हारने-जीतने की नहीं है, लोगों को लगना चाहिए कि अन्याय नहीं होगा. हमने जो वादे किए, वो निभाने चाहिए. उन्होंने एक विधायक के इस्तीफा देने पर कहा कि, वे दलित समाज से आते हैं, वे आहत हुए होंगे. इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया होगा.

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पायलट ने कहा कि आज हम सरकार में हैं, इसलिए इस मुद्दे पर बात न करें, ऐसा नहीं हो सकता. हम दलितों के साथ खड़े हैं. यह विश्वास दिलाने के लिए मैं वहां गया था. सरकार भी चाहती है कि न्याय मिले. हमारी कोशिश है कि जल्दी न्याय मिले. जिन लोगों ने हमें समर्थन दिया उनकी अपेक्षाओं को हमें पूरा करना है. अगर ऐसा नहीं हो पाए तो स्वाभाविक है कि वे हमसे खुश नहीं रहेंगे अगले चुनाव तक.

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