कार खरीदते समय आम तौर पर लोग उसमें मौजूद तमाम अन्य फीचर्स के साथ-साथ एयर बैग की संख्या पर खास तौर पर ध्यान देते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह होती है सेफ्टी. हम सोचते हैं कि अगर कभी किसी वजह से हमारी कार हादसे का शिकार हो जाए तो हमें और हमारे परिजनों को ज्यादा नुकसान ना हो. लेकिन क्या हो अगर जब यही एयर बैग आपके या आपके परिवार के किसी सदस्य के लिए मौत का कारण बन जाए. ये सुनने में जरा अजीब तो जरूर है लेकिन सच यही है. ऐसा ही एक हादसा नवी मुंबई के वाशी से सामने आया है. जहां एयर बैग के खुलने से एक 6 वर्षीय हर्ष की मौत हो गई. जब मौत के कारणों का पता चला तो लोग और हैरान हो गए. बताया जा रहा है कि एयर बैग के खुलने की वजह से समाने की सीट पर बैठे हर्ष को कई अंदरूनी चोटें आई हैं. और इन्हीं चोटों के कारण उसकी मौत हो गई.
कार में एयर बैग के होने के बाद भी इन बातों का रखें ध्यान
- कार के अंदर बैठे सभी लोगों को सीट बेल्ट पहनने जरूरी है
- स्टीयरिंग व्हील से 10 इंच दूर रखें चेस्ट
- बच्चे के लिए बेबी सीट का ही करें उपयोग
- डैशबोर्ड पर कोई भारी चीज ना रखें
कैसे काम करता है एयर बैग
किसी भी कार में लगा एयर बैग पूरी तरह से ऑटोमेटिक वर्क ही कमा करता है. यानी साधारण परिस्थितियों में वो वाहन में नजर ही नहीं आता है. लेकिन जब संबंधिक कार हादसे का शिकार होती है तो ये कार की सीट और स्टीयरिंग से अपने आप बाहर आ जाता है. ऐसे में इसकी बनावट से लेकर रिस्पॉन्स सिस्टम तक अभी कुछ बहुत ही ध्यान से तैयार किया जाता है.
एयर बैग खुलने से बच्चे को आई थी अंदरूनी चोटें
डॉक्टरों के अनुसार हर्ष को कोई बाहरी चोट नहीं लगी थी. एयर बैग के खुलने और उसके प्रभाव में आने से हर्ष कुछ देर के लिए सदमे की हालत में था. साथ ही एयर बैग के एकाएक खुलने से हर्ष को एक झटका सा लगा और इस झटके के दौरान उसे कई अंदरूनी चोटें आईं. जिस वजह से ही उसकी मौत हो गई. अब ऐसे में एयर बैग के खुलने से मौत की ये घटना बेहद हैरान करने वाली थी.
कार की फ्रंट सीट पर क्या बच्चे नहीं है सेफ
ये हादसा नवी मुंबई के वाशी इलाके में हुआ है.हर्ष के पिता ने मावजी अरोठिया के अनुसार जिस समय उनकी कार का एयर बैग खुला उस समय उनका बेटा हर्ष उनके साथ कार की फ्रंट सीट पर बैठा था. मावजी ने बताया कि ये हादसा हमारी कार के आगे चल रहे एसयूवी कार की डिवाइडर से टक्कर के कारण हुआ था. एसयूवी कार की डिवाइडर से टक्कर के बाद उस का कार पिछला हिस्सा मावजी की कार के बोनट पर आ गिरा. इसके बाद मावजी के कार का एयर बैग खुल गया. बैग के खुलते ही हर्ष को एक झटका सा लगा. जबकि कार में उसके अलावा सभी लोग सुरक्षित थे. अब ऐसे में ये एक बड़ा सवाल है कि क्या कार की फ्रंट सीट पर बच्चों को बिठाना सुरक्षित नहीं है?
एयर बैग से बच्चों की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं
नवी मुंबई के वाशी में एयर बैग की वजह से हर्ष की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले केरल में अपनी मां की गोद में यात्रा कर रही एक दो साल की बच्ची एयरबैग की चपेट में आ गई थी. वहीं एक सप्ताह पहले, यूक्रेन में कार की अगली यात्री सीट पर यात्रा कर रहे एक और दो वर्षीय बच्चे की एयरबैग की चोट से मौत हो गई थी.
क्या एयर बैग को लेकर लोगों में जागरूकता की है कमी
इस हादसे को देखते हुए ये भी एक बड़ा सवाल है कि क्या भारत में एयर बैग से जुड़े जोखिम को लेकर लोगों को किसी तरह की जानकारी है भी या नहीं. बताया जाता है कि एयर बैग के खुलने पर अगर कोई फ्रंट की सीट पर बैठा है और उसने सीट बेल्ट भी लगाई हो, इसके बाद भी उसे कुछ हद तक चोटें लग सकती हैं. ऐसे में ये मान लेना कि अगर आपकी कार में ज्यादा एयर बैग हैं तो और वो आपकी जान बचा ही लेंगे, ये पूरी तरह से सही नहीं है. लोगों में इस बात की भी कम जानकारी है कि आखिर किस स्तर की टक्कर के बाद तक एयर बैग आपकी जान बचा सकता है.