अरब सागर में 11 दिन बाद मिला दुर्घटनाग्रस्‍त MiG-29K फाइटर जेट के पायलट का शव : सूत्र

MiG 29 फाइटर जेट विमान रूस निर्मित लड़ाकू विमान है. इसकी लंबाई 17.32 मीटर होती है. यह विमान अधिकतम 18,000 किलोग्राम (44,100 पौंड) वजन लेकर उड़ान भर सकता है. इसकी ईंधन क्षमता 3,500 किलोग्राम (7,716 पौंड) है. 

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नौसेना का MiG-29K फाइटर जेट पिछले माह दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था
नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना के दुर्घटनाग्रस्‍त हुए MiG-29K फाइटर जेट के पायलट का शव हादसे के 11 दिन बाद अरब सागर से मिला है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि नौसेना लड़ाकू विमान मिग 29K  (MiG 29K) 26 नवंबर को समुद्र में गिरकर क्रैश हो गया था. हादसे में एक पायलट को बचा लिया गया है, जबकि दूसरा पायलट लापता था. नौसेना ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए थे.हादसे के वक्‍त ये ट्रेनर विमान अरब सागर के ऊपर फ्लाई कर रहा था. MiG 29 फाइटर जेट विमान रूस निर्मित लड़ाकू विमान है. इसकी लंबाई 17.32 मीटर होती है. यह विमान अधिकतम 18,000 किलोग्राम (44,100 पौंड) वजन लेकर उड़ान भर सकता है. इसकी ईंधन क्षमता 3,500 किलोग्राम (7,716 पौंड) है. 

नौसेना को अरब सागर में दुर्घनाग्रस्त हुए MiG-29K का कुछ मलबा मिला

हादसे के चार दिन बाद नौसेना विशेषज्ञों ने रूस में निर्मित दो सीटों वाले इस फाइटर प्‍लेन का मलबा ढूंढ निकाला था. सूत्रों ने NDTV को बताया थाकि कमांडर निशांत सिंह (Commander Nishant Singh) की Ejection सीट दुर्घटनास्‍थल पर मौजूद नहीं थी. इसके मायने यह थे कि हादसे के ठीक पहले, वे खुद को 'बाहर निकालने' (Eject) में सफल हो गए थे. कमांडर निशांत, जेट विमान को कंट्रोल करने के लिए इंस्‍ट्रक्‍टर के तौर पर थे. हादसे के बाद विमान के कमांडर यानी निशांत सिंह (Commander Nishant Singh) लापता थे जबकि सेकंड पायलट, एक ट्रेनी को बचा लिया गया था.MiG-29K रूस में निर्मित K-36D-3.5 इजेक्‍शन सीट (Ejection seat) से सुसज्जित है, इसे दुनिया के सबसे परिष्‍कृत प्‍लेन में शुमार किया जाता है.

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