डीडीसी चुनाव : पहली बार मतदान कर भावुक हो उठे पाकिस्तानी शरणार्थी, बोले- "आखिरी इच्छा पूरी हुई"

पिछले साल पांच अगस्त को केंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद लगभग 1.50 लाख अन्य लोगों को जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनावों में मतदान करने की योग्यता हासिल हुई है. 

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
1.50 लाख अन्य लोगों को जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनावों में मतदान करने की योग्यता हासिल हुई (प्रतीकात्मक तस्वीर)
चक जफर:

जम्मू (Jammu) में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के तीसरे चरण के चुनाव (DDC Elections) में वोट (Vote) डालने के बाद अपनी उंगली पर लगी स्याही को देखकर 87 वर्षीय लाल चंद और उनकी 82 वर्षीय पत्नी त्रिविता की आंखों में आंसू आ गए. दंपति ने कहा कि जीवन में एक बार मतदान करने की हमारी इच्छा आज पूरी हो गई. लालचंद और उनकी पत्नी पश्चिम पाकिस्तानी शरणार्थी (Pakistan Refugees) हैं, जो 1947 में विभाजन के दौरान भारत आ गए थे. 

पिछले साल पांच अगस्त को केंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद लगभग 1.50 लाख अन्य लोगों को जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनावों में मतदान करने की योग्यता हासिल हुई है. 

14 वर्ष की उम्र में 1947 में पश्चिम पाकिस्तान से भागे लालचंद ने कहा कि मैंने अपने जीवन में पहली बार मतदान किया है. उन्होंने कहा, ''हमारी अंतिम इच्छा पूरी हो गई है.” उनके गांव चक जाफर में कई अन्य पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों के घर में उत्सव का माहौल है. 

पाकिस्तान शरणार्थी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष लाबा राम गांधी ने कहा, ‘‘हम इन चुनावों में मतदान करके बहुत खुश हैं. यह पूरे देश के लिए संदेश है कि सात दशक बाद हमारे साथ न्याय हुआ है. आज हमें हमारी आजादी मिली है.”ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को उनका हक दिलाने के लिए धन्यवाद दिया.

वीडियो: झांसी में सिटी एसपी को बीजेपी नेताओं ने धक्का देकर गिराया

  

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Chhattisgarh के Kanker में नक्सली मुठभेड़ का तीसरा दिन, सुरक्षाबल ने नक्सलियों का बड़ा ग्रुप घेरा
Topics mentioned in this article