ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि रूय-यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म करने की दिशा में भारत महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है. कैमरन सोमवार को दिल्ली में आयोजित एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के पास यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ की भूमिका निभारे की विश्वसनीयता है.इस दौरान कैमरन ने क्रिकेट, फिल्म और भारतीय खाने को लेकर पूछे गए कई दूसरे सवालों के जवाब भी दिए.उन्होंने भारतीय कंपनी टाटा की ओर से लैंडरोवर जगुआर के अधिग्रहण को एक ऐसी घटना बताया जो उनकी नजर में भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक था.
रूस यूक्रेन युद्ध में भारत की मध्यस्थता
कैमरन ने कहा," भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनने की स्थिति में हो सकता है, लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बलपूर्वक उस इलाके पर कब्जा करने की इजाजत न मिले.
दरअसल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा था कि यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा बताना मुश्किल है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उनका देश जीतेगा.उन्होंने हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता की सराहना की थी.
लंदन में पीएम मोदी का स्वागत
इस अवसर पर कैमरन ने 13 नवंबर 2015 को 13 नवंबर को वेम्बली स्टेडियम में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत समारोह का जिक्र किया. कैमरन ने कहा कि आप ब्रिटेन में पीएम के रूप में अधिक से अधिक तीन-चार हजार लोगों की भीड़ को संबोधित कर सकते हैं. लेकिन उस दिन वेम्बली स्टेडियम में 85 हजार लोग थे.उन्होंने कहा कि उस कार्यक्रम में मैंने कहा कि मेरी कंजरवेटिव पार्टी ने पहली महिला प्रधानमंत्री दिया, पहला यहूदी प्रधानमंत्री दिया और मुझे पूरा विश्वास है कि एक दिन भारतीय-ब्रितानी प्रधानमंत्री भी देगी. उस दिन कार्यक्रम में ऋषि सुनक कहीं पीछे की लाइनों में बैठे थे. एक समय आया कि वो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने.
कैमरन ने कहा कि श्रषि सुनक का परिवार दो पीढी पहले ब्रिटेन आया था.लेकिन अपनी मेहनत की बदौलत उसने ब्रिटेन में सबसे ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया. उन्होंने सुनक को एक बेहतरीन प्रधानमंत्री बताया.उन्होंने कहा कि सुनक ने अपने कार्यकाल में सबसे अच्छा काम किया. उन्होंने कहा कि सुनक के साथ विदेश मंत्री के रूप में काम करके उन्हें बहुत अच्छा लगा.
भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत
जब उनसे पूछा गया कि आपके पश्चिमी देशों में भारत की छवि कबसे बदलने लगी.आपके हिसाब से ऐसा कबसे होने लगा.इस सवाल के जवाब में कैमरन ने हाल के इतिहाम में ऐसे कई मौके आए हैं, जब भारत को लेकर लोगों की छवि बदलने लगी जैसे कि 1991 में नई आर्थिक नीतियां अपनाई गईं, जब भारत ने जनसंख्या में चीन को पीछे छोड़ दिया, भारत जब चंद्रमा पर पहुंचा, ये कुछ ऐसे मौके थे, जब दुनिया ने भारत की क्षमता के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आया जब ब्रिटेन में भारत का निवेश जापान से ज्यादा हो गया. उन्होंने टाटा की ओर से लैंड रोवर जगुआर के अधिग्रहण को एक ऐसी घटना बताया कि जिससे पता चला की भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में छाने के लिए तैयार है.
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