समाचार एजेंसी रॉयटर्स में कार्यरत और Pulitzer पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की गुरुवार रात अफगानिस्तान के कंधार में रिपोर्टिंग के दौरान मौत हो गई. सिद्दीकी उस समय अफगानिस्तान की स्पेशल फोर्स के साथ सवार थे. वे तालिबान के खिलाफ अभियानों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. 13 जुलाई ट्वीट कर दानिश ने बताया था कि जिस गाड़ी में वे सवार थे, उसे कैसे निशाना बनाया गया. उन्होंने लिखा था कि सुरक्षित बच जाने पर वे खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे थे.
बता दें कि इससे पहले अफगानिस्तान के कंधार से भारतीय वाणिज्य दूतावास के लगभग 50 राजनयिकों और अन्य स्टाफ को खराब हुए हालातों के बीच सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था. तालिबान अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि अमेरिका ने लगभग दो दशकों बाद अपनी सेना को वहां से वापस बुला लिया.
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने फोटो पत्रकार की मौत के बारे में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि कल रात कंधार में एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की खबर से दुखी हूं. भारतीय पत्रकार और Pulitzerपुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों के साथ थे. मैं उनसे 2 हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मिला था. उनके परिवार और रॉयटर्स के प्रति संवेदना.
उन्होंने भारत में रॉयटर्स की मल्टीमीडिया टीम का नेतृत्व किया. भारत में कोविड की दूसरी लहर के दौरान अंतिम संस्कार की उनकी ड्रोन से ली गई तस्वीरों ने सबका ध्यान इस मुद्दे पर और अधिक केंद्रित किया था.