राहुल गांधी के साथ यात्रा में शामिल हुए दानिश अली, बोले- यह यात्रा न्याय और देश को जोड़ने के लिए

इंफाल पहुंचने के बाद दानिश अली ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'आज मैंने राहुल गांधी जी की 'भारत जोड़ो न्याय' यात्रा में शामिल होने का फ़ैसला किया है. ये फ़ैसला मेरे लिये एक बहुत ही अहम फ़ैसला है. इसे मैंने बहुत सोच समझ कर लिया है.'

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इंफाल:

बहुजन समाज पार्टी से निलंबित लोकसभा सदस्य दानिश अली रविवार को राहुल गांधी के साथ 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल हुए और कहा कि वह इस यात्रा का हिस्सा बनना अपना फर्ज समझते हैं क्योंकि राहुल गांधी की यह पहल कमजोर लोगों को न्याय दिलाने और भारतवासियों को जोड़ने की पहल है. अली को बीते नौ दिसंबर को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था.

वह इंफाल के निकट थोबल में आयोजित कांग्रेस के उस कार्यक्रम के मंच पर अगली कतार में बैठे थे जहां से यात्रा आरम्भ हुई. इंफाल पहुंचने के बाद दानिश अली ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'आज मैंने राहुल गांधी जी की 'भारत जोड़ो न्याय' यात्रा में शामिल होने का फ़ैसला किया है. ये फ़ैसला मेरे लिये एक बहुत ही अहम फ़ैसला है. इसे मैंने बहुत सोच समझ कर लिया है.'

उनका कहना था, 'यह फ़ैसला करते समय मेरे सामने दो रास्ते थे. एक यह कि मैं यथास्थिति को चलने दूं, जो स्थितियां हैं उन्हें वैसे ही स्वीकार लूं. जो अन्याय देश के दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक और अन्य गरीब वर्ग के साथ हो रहा है, उसके ख़िलाफ़ कोई आवाज़ ना उठाऊं, और दूसरा रास्ता ये था कि मैं समाज में बढ़ते अन्याय के ख़िलाफ़ संसद में आवाज़ उठाने के साथ साथ सड़क पर भी संघर्ष शुरू करूं, आंदोलन करूं.' अली ने कहा, 'मेरे ज़मीर ने कहा कि मुझे दूसरा रास्ता लेना चाहिए. '

लोकसभा सदस्य ने भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, 'यह फ़ैसला लेने का एक बड़ा कारण यह भी है कि मैं ख़ुद इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था का भुक्तभोगी हूं. संसद के अंदर मुझ पर जो आक्रमण हुआ वो सभी ने देखा. सत्ताधारी दल ने मुझ पर आक्रमण करने वाले के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि उसे पुरस्कृत किया.' उन्होंने दावा किया कि यही हाल पूरे देश का है तथा भय और आतंक का माहौल बनाने की कोशिश हो रही है.

अली ने कहा, 'जब मुझ पर संसद में आक्रमण हुआ, तब मुझे और मेरे परिवार को हौसला देने वाले राहुल गांधी जी देश के पहले नेता थे. वो उस घड़ी में मेरे साथ खड़े रहे. '

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उनका कहना था, 'माननीय राहुल गांधी जी की यह यात्रा कमज़ोर को न्याय दिलाने की और भारतवासियों को जोड़ने की यात्रा है. यह यात्रा देश की विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष है. राहुल जी ने पूरे देश को जोड़ने के लिए और हर वर्ग को न्याय दिलाने के लिए यह यात्रा शुरू की है. इस लिये मैं आज राहुल जी के साथ खड़ा हूं.'

उन्होंने कहा कि इस यात्रा के उद्देश्य की पूर्ति करना राजनीति और समाज सेवा से जुड़े हम सभी लोगों का असली मकसद है. साथ ही उन्होंने यात्रा की सफलता की कामना की.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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