दलित छात्र की मौत का मामला : पिता ने 23 दिनों तक छह अस्पतालों में कराया था बच्चे का उपचार

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से साझा की गई जानकारी से हुआ खुलासा, पुलिस ने शिक्षक चैल सिंह को गिरफ्तार किया

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
जालोर में दलित बच्चे की मौत को लेकर एनसीएससी की एक रिपोर्ट सामने आई है.
नई दिल्ली:

राजस्थान (Rajasthan) में पीने के पानी का घड़ा छूने पर शिक्षक द्वारा कथित तौर पर पीटे गए नौ वर्षीय लड़के के उपचार की उसके पिता ने हर संभव कोशिश की. पिता ने 23 दिनों तक छह अलग-अलग अस्पतालों में लड़के का इलाज कराया, लेकिन जान नहीं बचा सके. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) द्वारा साझा की गई जानकारी से यह खुलासा हुआ. 

जालोर जिले के सुराणा गांव के एक निजी स्कूल के छात्र की उसके शिक्षक ने 20 जुलाई को पिटाई की थी. इस घटना को लेकर विवाद पैदा हो गया है. परिवार के सदस्यों का दावा है कि लड़के को दलित होने के कारण पीटा गया था जबकि शिक्षक उच्च जाति का है.

राजस्थान के जालोर जिले के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने मामले पर एनसीएससी के साथ पुलिस की रिपोर्ट साझा की है. एनसीएससी ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था और उसके बाद विभाग ने यह रिपोर्ट साझा की.

Advertisement

लड़के के पिता और चाचा ने पुलिस रिपोर्ट में घटना का जिक्र किया है. लड़के की 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. एनसीएससी द्वारा साझा की गई पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, लड़का प्यासा था और उसने उस घड़े से पानी पीने की कोशिश की जो संस्था के मुखिया के लिए था. रिपोर्ट के अनुसार यह देखकर शिक्षक ने लड़के को पीटना शुरू कर दिया जिससे वह गिर गया और उसके कान से खून बहने लगा.

Advertisement

रिपोर्ट के अनुसार लड़के के पिता की स्कूल के सामने दुकान है, लड़का वहां गया और उसने कान दर्द की शिकायत करते हुए घटना के बारे में बताया. देवराम मेघवाल अपने बेटे को अगले दिन बगौड़ा के बजरंग अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज किया गया, लेकिन दो दिनों बाद उसके कान में फिर से दर्द शुरू हो गया. इसके बाद लड़के के पिता उसे भीनमाल के आस्था मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल ले गए, जहां उसे एक दिन के लिए भर्ती किया गया.

Advertisement

रिपोर्ट में कहा गया है कि कान का दर्द कम नहीं होने पर, देवराम अपने बेटे को तीसरे अस्पताल - भीनमाल में त्रिवेणी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां लड़के को और दो दिनों के लिए भर्ती किया गया.

Advertisement

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब दर्द में कोई कमी नहीं आई, तो लड़के के परिवार को गुजरात के दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दी गई. इसके अनुसार पिता फिर लड़के को चौथे अस्पताल - दीसा के करणी अस्पताल ले गए.

रिपोर्ट में कहा गया कि उसका वहां एक दिन तक इलाज किया गया और फिर उसे त्रिवेणी अस्पताल ले जाया गया लेकिन जब लड़के का दर्द तब भी कम नहीं हुआ, तो उसे पांचवें अस्पताल - एक न्यूरोलॉजिकल सेंटर ले जाया गया जहां उसका इलाज छह दिनों तक चला.

रिपोर्ट के अनुसार जब दर्द कम नहीं हुआ, तो लड़के को उदयपुर के गीतांजलि अस्पताल ले जाया गया और अंत में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां लड़के की मौत हो गई.

एनसीएससी अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि यह स्पष्ट है कि लड़के की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘लड़के की गंभीर स्थिति एक थप्पड़ के कारण नहीं हो सकती, इसलिए हमने राज्य सरकार से यह बताने को कहा है कि वास्तव में क्या हुआ. इससे पहले भी हमने राज्य में पिछड़ी जाति के लोगों के साथ भेदभाव के वीडियो देखे हैं और हमने ऐसी घटनाओं पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है.''

पुलिस ने 40 वर्षीय शिक्षक चैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर हत्या का आरोप लगाया है. साथ ही शिक्षक पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.

राजस्थान : स्कूल में पिटाई से छात्र की मौत, पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Lucknow: Rajnath Singh ने Brahmos Plant का किया उद्घाटन, 300 करोड़ है लागत | Defence Project
Topics mentioned in this article