तूफान ताउते : जानिए कैसे बनती है 'साइक्लोन की आंख', छोटी-बड़ी चक्रवाती आंख की खूबियां

Cyclone Eye : वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवाती तूफान का स्तर वायुमंडलीय दबाव, तापमान, बादलों की गति और समुद्री इलाके की परिस्थितियों जैसे तमाम कारकों पर निर्भर करता है. इसी के हिसाब से साइक्लोन की आंख का दायरा भी छोटा-बड़ा होता है.

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Cyclone Tauktae: Gujarat में 185 किलोमीटर तक हो सकती है हवा की रफ्तार
नई दिल्ली:

भारत में पिछले कुछ सालों में कई चक्रवाती तूफानों (Cyclonic storm) ने कहर बरपाया है और अब साइक्लोन ताउते (Cyclone Tauktae) ने भयानक रूप धारण कर लिया है. लेकिन क्या आपको पता है कि भूकंप की तरह साइक्लोन का भी एक केंद्र होता है. इसे साइक्लोन्स आईयानी चक्रवात की आंख कहते हैं. सबसे कम वायुमंडलीय दबाव वाला क्षेत्र चक्रवात का केंद्र होता है. इसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में चक्रवाती आंख ( Cyclone Eye)  के रूप में भी जाना जाता है.साइक्लोन के केंद्र को चक्रवात की आंख कहते हैं. साइक्लोन्स आई का दायरा 15 से 30 किलोमीटर तक हो सकता है. इस दायरे में साइक्लोन की तीव्रता जबरदस्त होती है. चक्रवात की आंख का निर्माण तभी होता है, जब चक्रवाती तूफान गंभीर या अत्यंत गंभीर रूप धारण करता है.

कम दबाव वाले क्षेत्र के आसपास गोल-गोल घूमने वाले तूफ़ान को चक्रवात (Cyclone) के नाम से जाना जाता है. इसके केंद्र में कम दबाव होता है, उसे चक्रवात की आंख कहा जाता है. यह तूफान की धुरी की तरह होता है, लेकिन बाहरी हिस्से के मुकाबले में यह शांत और कम रफ्तार की हवाओं का क्षेत्र होता है. इसके बाहरी क्षेत्र में तेज हवाओं से तूफान, आंधी, बारिश, बिजली से भयानक नुकसान देखने को मिलता है.

इस चक्रवाती आंख के बाहरी दायरे में बादलों की तेज गड़गड़ाहट, जोरदार कड़कड़ाहट के साथ बिजली गिरने और बारिश देखने को मिलती है. सामान्य स्तर के चक्रवात में भी ये आंख बनती है, लेकिन हवाओं का रुख तेज होने के साथ यह ज्यादा घुमावदार नहीं हो पाती है औऱ तूफान के केंद्र में सही मायने में आंख का रूप धारण नहीं हो पाता है. 

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साइक्लोन आई, चक्रवात का का सबसे अंदरूनी भाग होता है, जहां वहां वायु दाब निम्न होता है. यहां वायु शांत रहती या बहुत धीमी गति से बहती है. इसके निर्माण का कारण यह है कि चक्रवात में अंदर की ओर हवाएं बहुत तीव्र गति से केंद्र के चारों और तो घूमती हैं परंतु बाहर नहीं निकल पातीं. जैसे कोई सैटेलाइट गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण पृथ्वी के चारों घूमने को बाध्य होता है. 

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चक्रवात की सूक्ष्म आंख----
सूक्ष्म आंख चक्रवात की सूक्ष्म आंख का घेरा 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में होता है. इस आंख के चारों ओर बादलों की दीवार छोटी-बड़ी होती रहती है. इसके चारों और वायुमंडलीय दबाव की तीव्रता से कई तरह की बादलों की दीवारें बनकर तैयार हो जाती हैं. इस क्षेत्र में हवा की रफ्तार 40 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है.

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मध्यम आंखें.......
ऐसे चक्रवाती तूफानों की आंख का व्यास या वृत्तीय दायरा 60 से 80 किलोमीटर का होता है. ऐसे तूफान भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देशों में देखने को मिलती हैं. हालांकि इनमें हवाओं की रफ्तार 80-90 से बढ़कर 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है. 

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क्यों बनती है ऐसे साइक्लोन आई
वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवाती तूफान का स्तर वायुमंडलीय दबाव, तापमान, बादलों की गति और समुद्री इलाके की परिस्थितियों जैसे तमाम कारकों पर निर्भर करता है. इसी के हिसाब से साइक्लोन की आंख का दायरा भी छोटा-बड़ा होता है.

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