मोंथा की महातबाहीः 2.14 लाख एकड़ फसल तबाह, 18 लाख लोग प्रभावित, वारंगल स्टेशन डूबा, ड्रोन बने देवदूत

साइक्लोन मोंथा की वजह से भारी बारिश में वारंगल में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. वारंगल रेलवे स्टेशन की पटरियां पूरी तरह पानी में डूब गईं.

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  • मोंथा चक्रवात ने कमजोर होने से पहले आंध्र प्रदेश में तबाही मचाई, तेलंगाना में भारी बारिश का दौर जारी है.
  • चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश में 18 लाख लोग प्रभावित हुए और 2.14 लाख एकड़ में फसलें बर्बाद हो गईं.
  • वारंगल में बाढ़ जैसे हालत बनने से रेलवे स्टेशन डूब गया और कई ट्रेन सेवाएं रद्द करनी पड़ी हैं
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भीषण चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में जमकर कहर बरपाया. पड़ोसी तेलंगाना में भी तूफान की वजह से भारी बारिश हो रही है. आंध्र प्रदेश सरकार के शुरुआती आकलन के मुताबिक, राज्य में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकराए मोंथा के कारण 18 लाख लोग प्रभावित हुए. 2.14 लाख एकड़ इलाके में फसलें तबाह हो गईं.

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि मोंथा के कारण राज्य में 3 लोगों की मौत हुई है. इसके लिए उन्होंने एहतियाती उपायों को श्रेय दिया. सड़क एवं भवन विभाग की 2,294 किलोमीटर सड़कें बर्बाद हो गईं. 1 लाख 16 हजार लोगों ने प्रभावित जिलों के 1,209 राहत कैंपों में अपनी जान बचाई.

मोंथा तूफान की वजह से वारंगल रेलवे स्टेशन में बाढ़ जैसे हालात बन गए

आंध्र में तबाही मचाने वाले मोंथा  के असर से पड़ोसी राज्य तेलंगाना के विभिन्न इलाकों में बुधवार को मूसलाधार बारिश हुई. 8 जिलों में रेड अलर्ट किया गया है. तेलंगाना के वारंगल, जंगांव, हनुमकोंडा, महबूबाबाद, करीमनगर, सिद्धिपेट, यादाद्री भुवनागिरी, सूर्यापेट, नलगोंडा, खम्मम, भद्राद्री कोठागुडेम, नागरकर्नूल और पेद्दापल्ली जिलों में भारी बारिश हुई. हैदराबाद में भी तेज बारिश हुई. 

मोंथा की वजह से आंध्र प्रदेश में 2.14 लाख एकड़ इलाके में फसलें तबाह हो गईं.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने मोंथा की वजह से भारी बारिश के मद्देनजर राज्य प्रशासन को उच्च सतर्कता पर रहने के निर्देश दिए. मौसम विभाग ने वारंगल, हनुमकोंडा, महबूबाबाद, जंगांव, सिद्धिपेट और यादाद्री भुवनागिरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. चेतावनी दी गई है कि इन जिलों में कुछ जगहों पर बहुत भारी से अति भारी बारिश हो सकती है. 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के आसार हैं. 

मोंथा की वजह से आई बाढ़ में फंसे कई लोगों को एनडीआरएफ ने बचाया.

साइक्लोन मोंथा की वजह से भारी बारिश में वारंगल में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. वारंगल रेलवे स्टेशन की पटरियां पूरी तरह पानी में डूब गईं. इसकी वजह से रेल सेवाएं स्थगित करनी पड़ी हैं. तेलंगाना में महबूबाबाद जिले के डोर्नाकल रेलवे यार्ड में भी पानी भरने के कारण कई यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गईं. दक्षिण मध्य रेलवे ने बताया कि कुछ ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया और कइयों का मार्ग परिवर्तित किया गया. 

आंध्र प्रदेश में मोंथा की तबाही में फंसे कई लोगों के लिए ड्रोन देवदूत बनकर पहुंचा. बापटला जिले में शेख मुन्ना नामक व्यक्ति पानी में बह गया था. उसे ड्रोन की मदद से रेस्क्यू किया गया. पुलिस-प्रशासन ने ड्रोन की मदद से निचले इलाकों में नजर रखी और हालात बिगड़ने से पहले ही लोगों को आगाह कर दिया. कई जगहों पर ड्रोन के जरिए मवेशियों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया. 

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मोंथा तूफान के गुजरने के बाद एनडीआरएफ ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं. एनडीआरएफ की 26 टीमें लगाई गई हैं. 19 टीमों को स्टैंडबाई पर तैयार रखा गया है. एनडीआरएफ ने 666 लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया है. एसडीआरएफ और अन्य सिविल एजेंसियों के साथ मिलकर राहत अभियान चलाए जा रहे हैं. 

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