- आंध्र प्रदेश तट पर बना चक्रवाती तूफान मोंथा अब एक गहरे अवदाब में बदल गया है और कमजोर हो रहा है
- यह अवदाब तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से होते हुए उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा
- आईएमडी ने संबंधित इलाकों में तेज बारिश और तेज हवाओं के साथ सतर्क रहने की सलाह दी है पर बड़ा खतरा नहीं बताया है
तटीय आंध्र प्रदेश पर बना चक्रवाती तूफान 'मोंथा' अब एक गहरे अवदाब में बदल चुका है. यह तूफान पिछले छह घंटों में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ा और कमजोर पड़ गया. बुधवार को भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि यह तूफान भद्राचलम (तेलंगाना) से करीब 50 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व, खम्मम (तेलंगाना) से 110 किलोमीटर पूर्व, मलकानगिरी (ओडिशा) से 130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और जगदलपुर (छत्तीसगढ़) से 220 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में स्थित है.
आईएमडी के अनुसार, अगले छह घंटों में यह अवदाब आंध्र प्रदेश, सटे तेलंगाना और दक्षिणी छत्तीसगढ़ से होकर उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा और एक सामान्य अवदाब में बदल जाएगा. इससे जुड़ी बौछारें तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है, लेकिन तूफान की तीव्रता अब काफी घटी है. विभाग ने तटीय इलाकों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है, हालांकि कोई बड़ा खतरा नहीं है.
पूर्व-मध्य अरब सागर पर दबाव
उपरोक्त प्रणालियों के प्रभाव में, 29 अक्टूबर को तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा, 29 अक्टूबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, विदर्भ और मराठवाड़ा में, 30 और 31 अक्टूबर को बिहार में, 31 अक्टूबर को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में, 29-31 अक्टूबर 2025 के दौरान सौराष्ट्र और कच्छ में बहुत भारी वर्षा हो सकती है.
दूसरी ओर पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना अवदाब पिछले तीन घंटों से लगभग स्थिर है. सुबह 8:30 बजे यह अक्षांश 17.9 डिग्री उत्तर और देशांतर 69.2 डिग्री पूर्व के पास केंद्रित रहा. यह मुंबई से 410 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, वेरावल (गुजरात) से 430 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, पणजी (गोवा) से 560 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम, मैंगलोर (कर्नाटक) से 820 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम तथा अमिनिदिवी (लक्षद्वीप) से 850 किलोमीटर उत्तर-उत्तर-पश्चिम में है. अगले 36 घंटों में यह अवदाब पूर्व-मध्य अरब सागर में उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ सकता है. इससे पश्चिमी तट पर हल्की बारिश या तेज हवाओं की आशंका है, लेकिन फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है.
ये अपडेट आईएमडी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर साझा किए हैं. विभाग ने लोगों से मौसम की लगातार निगरानी करने और आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करने की अपील की है. चक्रवाती गतिविधियां मानसून के बाद के मौसम में आम हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी तीव्रता बढ़ रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अवदाबों से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ या मछली पकड़ने पर असर पड़ सकता है. आईएमडी की टीम सैटेलाइट डेटा के आधार पर निरंतर नजर रख रही है और अगले अपडेट जल्द जारी करेगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)













