केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यहां कहा कि साइबर जांच में समन्वय और विशेषज्ञों की सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही पुलिस विभाग में साइबर अपराध जांच प्रभाग का गठन किया जाएगा, जो देश में इस तरह का पहला प्रभाग होगा. विजयन ''केरल पुलिस हैक-पी2021'' के समापन सत्र में बोल रहे थे. विजयन ने कहा, ''साइबर जांच में समन्वय और विशेषज्ञों की सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही पुलिस विभाग में एक साइबर अपराध जांच प्रभाग का गठन किया जाएगा. इसके साथ ही, केरल पुलिस भारत में ऐसी तकनीकी इकाई वाली पहली पुलिस बल बन जाएगी.''
उधर, भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने शनिवार को आरोप लगाया कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से राज्य की मुख्यधारा की पार्टियों में उसे समर्थन देने की होड़ लगी हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसी देश में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) और कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) अलग तरह की राजनीति कर रही है. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि जिन्होंने तालिबान के समर्थन का रुख अपनाया,वे वहीं हैं, जो वर्ष 1921 में राज्य में हुए मोपला दंगों पर लीपा-पोती करने कोशिश कर रहे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ केरल में, मुख्य धारा की पार्टियां तालिबान का समर्थन करने के लिए एक दूसरे से होड़ कर रही हैं. राज्य में नेता दूध और शहद देकर धार्मिक उग्रवाद का पोषण कर रहे हैं.''
राज्य की वाम सरकार और यहां की पुलिस पर हमला करते हुए भाजपा नेता कहा कि उनके ‘गैरजिम्मेदाराना' रुख की वजह से राज्य में चरपंथी शक्तियों की ताकत बढ़ रही है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवाओं की बिना लाइसेंसी हथियार के साथ राज्य में हाल में हुई गिरफ्तारी को ‘गंभीर' करार दिया. राज्य में इस बात को लेकर बहस चल रही है कि वर्ष 1921 में राज्य के उत्तरी हिस्से में शुरु हुआ मालाबार विद्रोह उर्फ ‘मोपला (मुस्लिम) विद्रोह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह था या सांप्रदायिक दंगा. ऐसे में सुरेंद्रन के बयान को अहम माना जा रहा है.