सीएसडीएस के लोकनीति ने लोकसभा चुनाव के बाद एक सर्वे किया है. इसमें लोगों के वोटिंग पैटर्न को लेकर बात की गई. इस सर्वे में 19 हजार 663 लोग शामिल थे. ये लोग देश के 23 राज्यों के 191 लोकसभा क्षेत्रों में फैले हुए थे.इस सर्वे में शामिल 18 हजार 393 लोगों ने मतदान किया था. वहीं 1270 लोग अलग-अलग कारणों से मतदान नहीं कर पाए थे.
किसे वोट देना है, इसका फैसला कब किया?
मतदान करने वाले लोगों से जब यह पूछा गया कि आपने यह फैसला कब किया कि किस उम्मीदवार को वोट देना है. इस सवाल के जवाब में 2591 लोगों ने कहा कि मतदान करने का फैसला उन्होंने मतदान वाले दिन ही किया.वहीं 2465 लोगों का कहना था कि उन्होंने वोट देने का फैसला एक-दो दिन पहले ही कर लिया था.सर्वे में शामिल 3801 लोगों का कहना था कि मतदान का फैसला चुनाव अभियान के दौरान ही कर लिया था.वहीं 3809 लोगों का कहना था कि उम्मीदवार के नाम की घोषणा के बाद उसे वोट देने का फैसला किया. वहीं सबसे अधिक पांच हजार 59 लोगों का कहना था कि उन्होंने उम्मीदवार के नाम की घोषणा होने से पहले ही वोट देने का फैसला कर लिया था. सर्वे में शामिल लोगों में से 669 लोगों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
वोट देने से पहले मतदाता ने क्या देखा?
वोट देने वाले लोगों से जब यह पूछा गया कि उन्होंने किसी उम्मीदवार को किस आधार पर वोट दिया तो सर्वे में शामिल 9170 लोगों का कहना था कि उन्होंने पार्टी के नाम पर मतदान किया. वहीं 6664 लोगों ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद का चेहरा देखकर मतदान किया.इसमें शामिल 155 लोगों ने कहा कि उन्होंने अन्य कारणों से मतदान किया और 641 लोगों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सात चरणों में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सभी तरह से कुल 63.88 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.वहीं मतदान केंद्रों पर कुल 65.79 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. आयोग की ओर से छह जून 2024 को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 63.11 फीसदी पुरुषों ने मतदान किया. इस बार मतदान में महिलाओं ने पुरुषों से बाजी मार ली. इस साल 64.72 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया. सबसे कम मतदान तीसरे लिंग के मतदाताओं ने किया. तीसरे लिंग के केवल 22.23 फीसदी मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया.
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