दिल्ली पुलिस ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक 30 वर्षीय पहलवान कांस्टेबल की शिकायत पर अर्धसैनिक बल के मुख्य खेल अधिकारी तथा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित खजान सिंह और कोच सुरजीत सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, बलात्कार तथा धमकी देने का मामला दर्ज किया है. हालांकि खजान सिंह ने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित सीआरपीएफ कांस्टेबल के आरोपों को खारिज कर दिया जबकि सुरजीत सिंह की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. शिकायतकर्ता कांस्टेबल पहलवान भी है.
प्राथमिकी के अनुसार कांस्टेबल ने खजान और सुरजीत पर बल में ''''सेक्स स्कैंडल'''' चलाने का भी आरोप लगाया है. कांस्टेबल का आरोप है कि इसमें उनके ''''कई साथी'''' भी शामिल हैं. सीआरपीएफ में डीआईजी -रैंक के अधिकारी खजान सिंह ने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था.
उन्होंने ''पीटीआई-भाषा'' से कहा, ''''आरोप पूरी तरह से झूठे हैं. मेरी छवि खराब करने के लिये ये सब किया गया.'''' तीन दिसंबर को बाबा हरिदास थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार 2010 में बल में शामिल होने वाली शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दोनों ने महिला कांस्टेबलों का यौन उत्पीड़न किया और फिर बाद में उन्हें अपने साथ मिला लिया.
कांस्टेबल ने एफआईआर में आरोप लगाया है , ‘‘ उन्होंने नहाने के समय, छुप कर मेरे फोटो खींच लिए . इन फोटोग्राफ के जरिए मुझे ब्लैकमेल किया गया और उन्होंने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने उनसे बात नहीं की तो वे मेरे फोटो को इंटरनेट पर डाल देंगे.''
सीआरपीएफ के प्रवक्ता मोसेस दिनाकरण ने कहा, ''''महिला कांस्टेबल ने डीआईजी खजान सिंह के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया है. सीआरपीएफ ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया है. महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जा चुका है. जहां तक प्राथमिकी की बात है, विभाग हर तरह जांच एजेंसी का सहयोग करेगा.''''
खजान सिंह को 1984 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर काफी सफलता अर्जित की. 100 मीटर फ्रीस्टाइल का राष्ट्रीय रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है. वह 1984 से 1989 के बीच (उस समय दक्षिण एशियाई फेडरेशन खेल कहे जाने वाले) दक्षिण एशियाई खेलों में कई स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं.