चारधाम यात्रा से पहले जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर फिर दिखीं दरारें, चमोली DM ने जांच के लिए भेजी टीम

उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को चारधाम यात्रा की घोषणा की है. केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अप्रैल और बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे. ऐसे में हाईवे की दरारें यात्रियों के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं.

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स्थानीय लोगों के मुताबिक, 10 जगहों पर ऐसी दरारें पाई गई हैं.
जोशीमठ:

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से पहले जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर कई जगहों पर दरारें देखने को मिली हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, केदारनाथ मंदिर समिति के श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीखों की घोषणा के साथ जोशीमठ से मारवाड़ी के बीच कई जगहों पर ऐसी दरारें पाई गईं. चमोली के जिलाधिकारी (DM) हिमांशु खुराना ने बताया कि एक जांच की एक टीम को मौके पर भेजा गया है. वहीं, स्थानीय लोगों के मुताबिक, 10 जगहों पर ऐसी दरारें पाई गई हैं.

दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को चारधाम यात्रा की घोषणा की है. केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अप्रैल और बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे. ऐसे में हाईवे की दरारें यात्रियों के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं. आशंका यह भी जताई जा रही है कि इस इलाके में दरारों की संख्या और बढ़ सकती है.

चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि बदरीनाथ हाईवे पर जेपी से मारवाड़ी तक सड़क में दरारें आ गई हैं. खुराना ने कहा, "सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को दरारों का परीक्षण करने और सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं." डीएम खुराना के मुताबिक, जोशीमठ के लोगों ने ''कुछ घरों में दरारें आने की शिकायत की.''

डीएम खुराना के मुताबिक, लोगों ने कुछ घरों में दरारें आने की शिकायत की. उन्होंने कहा, "जोशीमठ में तैनात इंजीनियरों की एक टीम घरों में दरारों का परीक्षण करने के लिए भेजी गई है, ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके." जोशीमठ में कई घरों में दरारें दिखाई देने के बाद सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया. उत्तराखंड सरकार पहले ही जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए करोड़ों रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है.

इससे पहले जोशीमठ में जमीन धंसने से अब तक 868 इमारतों में दरारें देखी गई हैं. इनमें से 181 इमारतें असुरक्षित इलाकों में हैं. होटल माउंट व्यू और मलारी इन को तोड़ने का काम आखिरी चरण में है. चमोली के डीएम ने आगे बताया कि 243 आपदा प्रभावित परिवारों के 878 सदस्य राहत शिविरों में हैं. उन्हें खाने, पीने और दवाओं की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. इन परिवारों को 515.80 लाख की राहत राशि दी जा चुकी है. उन पैसों से राहत, पुनर्वास और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए दी गई है.


जनवरी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में जमीन धंसाव से प्रभावित लगभग 3000 परिवारों के लिए राहत पैकेज जारी किया था. राज्य आपदा प्राधिकरण ने प्रत्येक परिवार को सामानों के परिवहन और एकमुश्त विशेष अनुदान के रूप में 50000 रुपये दिए थे.

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वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोशीमठ में स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान राहत और बचाव के लिए राज्य प्रशासन को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था.

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