दिल्ली में चला लाइसेंस राज पर चाबुक, निगम और पुलिस से छिना लाइसेंस देने का अधिकार

लघु उद्योग चलाने वाले फैक्ट्री मालिकों को अब GNCTD/DSIIDC द्वारा मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित फैक्ट्रियों को MCD से अलग से फैक्ट्री लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी.

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  • दिल्ली में GNCTD/DSIIDC मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों को अलग से MCD लाइसेंस से आजादी.
  • MSME उद्यम पंजीकरण या GNCTD/DSIIDC अलॉटमेंट लेटर को अब MCD लाइसेंस के रूप में मान्यता दी जाएगी.
  • इस फैसले से फैक्ट्री मालिकों की कागजी प्रक्रिया कम होगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं घटेंगी.
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नई दिल्‍ली:

लघु उद्योग चलाने वाले फैक्ट्री मालिकों को दिल्ली सरकार ने एक बड़ी राहत दी है. अब GNCTD/DSIIDC द्वारा मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित फैक्ट्रियों को MCD से अलग से फैक्ट्री लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी. फैक्ट्री मालिकों की बड़े दिनों से शिकायत रहती थी कि लाइसेंस के नाम पर उनको बड़ी परेशानी होती है और लाइसेंस के नाम पर भ्रष्टाचार भी होता है. इसी को देखते हुए  अब  दिल्ली सरकार ने 'Ease of Living' और 'Ease of Doing Business' को सशक्त बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. 

फैक्‍ट्री लाइसेंस की जरूरत नहीं 

अधिकृत जगह पर फैक्ट्री है तो लाइसेंस की जरूरत नहीं.  अगर फैक्ट्री के पास MSME उद्यम पंजीकरण या GNCTD/DSIIDC का अलॉटमेंट लेटर/लीज डीड है तो वही दस्तावेज अब धारा 416/417, DMC Act के तहत MCD लाइसेंस के रूप में मान्य होगा. अब कोई अलग लाइसेंस नहीं लेना होगा, जिससे न केवल अनावश्यक कागजी प्रक्रिया घटेगी, बल्कि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित होगा. यह निर्णय दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्र को आत्मनिर्भरता और सुविधा आधारित शासन की दिशा में मजबूत करेगा. 

पुलिस से वापस लिए गए अधिकार 

दिल्ली पुलिस से अब शस्त्र लाइसेंस के अलावा सभी अधिकार ले लिया गया है.  MCD से पहले दिल्ली पुलिस से सिनेमा चलाने से लेकर होटल के लाइसेंस तक के अधिकार वापस ले लिए हैं कुछ दिन पहले रेखा गुप्ता ने कहा कि  कहा, 'डबल इंजन सरकार ने दिल्ली में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को नई गति देने के लिए होटल, मोटेल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, स्वीमिंग पूल, ऑडिटोरियम, वीडियो गेम पार्लर, डिस्कोथेक और मनोरंजन पार्क जैसे व्यावसायिक गतिविधियों की लाइसेंसिंग प्रक्रिया अब पुलिस से हटाकर नगर निकायों और संबंधित विभागों को सौंप दी है. इससे व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित होगी.'

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