देश में कोविड वैक्सीनेशन की पॉलिसी (Covid Vaccination New policy) पूरी तरह केंद्र के हाथों में आने और मुफ्त में सभी को टीका देने की नीति का करीब एक माह हो चुका है, लेकिन रोजाना 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा है. 21 जून को नई नीति के आगाज के पहले दिन 86 लाख के रिकॉर्ड वैक्सीनेशन (Record Corona Vaccination) को छोड़ दें तो हर हफ्ते यह औसत कमोवेश घटता हुआ दिखाई दे रहा है.सरकार ने रोजाना 1 करोड़ वैक्सीन डोज देने का जो लक्ष्य रखा है, उसका 40 से 50 फीसदी लक्ष्य ही रोजाना हासिल हो पा रहा है. कामकाजी दिनों में 40-50 लाख टीके ही प्रतिदिन लग पा रहे हैं. जबकि सप्ताहांत (वीकेंड) के दिनों में गिरकर यह 12-13 लाख डोज रह जाता है. जबकि कोरोना की दूसरी लहर के बाद टीकाकरण को लेकर लोगों का रुझान बढ़ा है. मध्य प्रदेश, यूपी और कई अन्य राज्यों के ग्रामीण अंचलों में वैक्सीनेशन सेंटर्स पर लंबी लाइनें देखी जा सकती हैं.
सरकार ने 21 जून से टीकाकरण का नया अभियान शुरू किया था और इस दिन रिकॉर्ड 86.16 लाख के करीब वैक्सीन डोज दी गई थीं. इसी दिन से सबको मुफ्त में कोरोना टीका देने की केंद्रीय वैक्सीनेशन नीति की शुरुआत की थी.लेकिन इस अभियान के चार हफ्ते बाद दोबारा एक भी दिन यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सका. नए अभियान के पहले हफ्ते में टीकाकरण का प्रतिदिन का औसत 58.38 लाख टीकों के करीब रहा.
28 जून से 04 जुलाई के बीच दूसरे हफ्ते में प्रतिदिन का औसत घटकर 40.31 लाख रह गया. जबकि 5 से 11 जुलाई के तीसरे हफ्ते में यह औसत 33.72 लाख डोज के करीब रहा. वहीं 12 से 18 जुलाई के चौथे हफ्ते की बात करें तो औसतन रोजाना की वैक्सीनेशन की रफ्तार पिछले हफ्ते से थोड़ी बढ़कर 36.90 लाख डोज रह गई है.
गौरतलब है कि भारत में टीकाकरण के करीब 6 माह के अभियान के दौरान अब तक 40 करोड़ से ज्यादा कोरोना के टीके लग चुके हैं. पिछले छह माह में टीकाकरण की रफ्तार तेज हुई है, लेकिन अपेक्षित लक्ष्य के अनुरूप नहीं है. देश में पहले 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज जहां 85 दिनों में लगाई गई थीं, वहीं यह संख्या 10 से 20 करोड़ पहुंचने में 45 दिन लगे. जबकि 20 से 30 करोड़ के बीच की दस करोड़ खुराक 28 दिनों में दी गई हैं. कोविड-19 वैक्सीन की डोज 30 से 40 करोड़ पहुंचने में महज 24 दिन लगे हैं.
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