देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए मामलों में आई तेजी ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना को काबू करने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में कोरोना के मामलों में उछाल नए स्ट्रेन की वजह से है और यह स्थिति ठीक ब्रिटेन जैसी ही है जब वहां पर क्रिसमस के आसपास वायरस एक म्यूटेशन के दौर से गुजर रहा था.
- डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने एनडीटीवी से कहा, "होली के आसपास देश में कोरोना मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है क्योंकि उसी तरह की स्थिति खुद को दोहरा रही है. उन्होंने कहा कि संभावना है कि कोई ऐसा वेरिएंट हो जो वायरस को अधिक संक्रामक बना रहा है.
- उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि डेटा नहीं है इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा नहीं हो रहा है. सरकार अब तक इस पर कायम है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि मामलों में वृद्धि कोरोनावायरस के म्यूटेशन से जुड़ा है.
- केंद्र की कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख सदस्य डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, "तार्किक रूप से इस बात की संभावना है कि यदि मामलों में अचानक से तेजी आई तो ऐसा कुछ हो रहा है जो वायरस को ज्यादा संक्रामक बना रहा है."
- एम्स के चीफ ने यह भी कहा कि वैक्सीन के साथ "लोगों तक पहुंचने" की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसी रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है, जहां हम लोगों तक पहुंच सकें और उन्हें वैक्सीनेशन दे सकें, लेकिन इसे इस तरह से किया जाए कि हमें विश्वास हो कि हम किसी भी प्रतिकूल प्रभाव का ध्यान रख सकते हैं.
- डॉक्टर गुलेरिया ने यह भी कहा कि कोविशील्ड का विनिर्माण कर रही एस्ट्राजेनेका/सीरम इंस्टीट्यूट और कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक एक ऐसी खुराक पर विचार कर रहे हैं जो बच्चों के लिए उपयुक्त होगी.
- उन्होंने कहा, "अगर हमें वास्तव में महामारी को नियंत्रित और बच्चों को वापस स्कूल भेजना चाहते हैं तो हमें उन टीकों की तलाश करनी होगी जो बच्चों के लिए हो."
- संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए जिला केंद्रित कदम उठाने का आह्वान करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि प्रत्येक जिले को, चाहे वहां महामारी के अधिक मामले हों या कम, स्पष्ट दायित्वों के साथ एक कार्ययोजना बनानी चाहिए.
- राजेश भूषण ने कहा कि कोविड-19 के संदिग्ध व्यक्तियों को पृथक रखकर और उनकी जांच कर तथा संक्रमित लोगों के संपर्क में आए 25-30 लोगों का पता लगाकर वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है.
- केंद्र ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति ‘‘बद से बदतर हो रही है'' और यह खास तौर पर कुछ राज्यों के लिए बड़ी चिंता का विषय है. केंद्र ने कहा कि पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए.
- कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से हैं और दिल्ली भी एक जिले के रूप में इस सूची में शामिल है. जिन दस जिलों में सर्वाधिक उपचाराधीन मामले हैं, उनमें पुणे (59,475), मुंबई (46,248), नागपुर (45,322), ठाणे (35,264), नासिक (26,553), औरंगाबाद (21,282), बेंगलुरु नगरीय (16,259), नांदेड़ (15,171), दिल्ली (8,032) और अहमदनगर (7,952) शामिल हैं.
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