कोविड छुपाने वालों में पोस्ट-कोविड तकलीफ़ ज़्यादा! ‘एंटीबॉडी टेस्ट में पता चल रही है हिस्ट्री’

कोविड के बाद आने वाली दिक्कतों को देखते हुए जानकार मानते हैं कि कोविड की अनदेखी न करें. इसे न छुपाएं और इसका पूरा इलाज कराएं, वरना आपको ज़्यादा गंभीर तकलीफ़ें हो सकती हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:

Hospitals In Mumbai : मुंबई के कई अस्पतालों में बने पोस्ट-कोविड ओपीडी में क़रीब 10% मरीज़ ऐसे पहुंच रहे हैं जिनको कभी कोविड हुआ ही नहीं. लेकिन इनमें कोविड के बाद की बीमारियां देखी जा रही हैं. डॉक्टर कहते हैं इनमें से कुछ ने कोविड होते हुए भी जांच इलाज नहीं कराया,और इनमें हार्टअटैक,स्ट्रोक जैसी गम्भीर पोस्ट-कोविड तकलीफ़ दिख रही है. जिन्होंने कोविड के लक्षण छुपाए या जिनके हल्के लक्षण के साथ निगेटिव आए, अब वो भी कोविड के बाद की तकलीफ़ों के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं. 

मुंबई के कई अस्पतालों में पोस्ट-कोविड OPD में आ रहे क़रीब 10% मरीज़ कभी  कोरोना पोसिटिव हुए ही नहीं. लेकिन पोस्ट कोविड तकलीफ़ से गुज़र रहे हैं. एंटी बॉडी टेस्ट से पता चल रहा है कि वो पॉज़िटिव थे. जिन्होंने लक्षण छुपाते हुए इलाज नहीं कराया उनमें तकलीफ़ ज़्यादा है. 

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मुंबई के ग्लोबल अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन, डॉक्टर हरीश बताते हैं ‘'बिना कोरोना पॉज़िटिव हुए पोस्ट कोविड केस आ रहे हैं लेकिन सच ये है कि बिना पॉज़िटिव हुए पोस्ट कोविड नहीं हो सकता, इन्हें कोविड हुआ, या पता नहीं चला या नज़रंदाज़ किया. इन मरीज़ों की संख्या देखें तो 5-10% है."

डॉ. हरीश ने आगे कहा, "अगर हम ऐसे मरीज़ों को दो ग्रुप में बांटे तो एक वैसे मरीज़ जिन्होंने लक्षण आते हुए भी इलाज नहीं कराया, इनमें सिवियरिटी यानी तकलीफ़ ज़्यादा है क्योंकि इन्होंने समय पर बीमारी का इलाज नहीं कराया.  और जो दूसरा ग्रुप है जो एसिम्प्टोमैटिक थे या इन्हें पता नहीं चला की कोविड हुआ था, इनमें पोस्ट कोविड तकलीफ़ कम है.''

उधर साउथ मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल के डॉ बहराम पर्दीवाला का कहना है, ‘'हमें ये पता है, की कोविड टेस्ट नेगेटिव आ सकता है लेकिन कहीं ना कहीं और कभी ना कभी हम उसे ज़रूर पकड़ सकते हैं जैसे CT स्कैन में या कोविड एंटीबॉडी टेस्टिंग में ये पता चल जाता है तो आप ऐसे नहीं बोल सकते हो की कोविड नहीं हुआ है.''

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तो ये वो मरीज़ हैं जिनको कोरोना हुआ, मगर उन्होंने ध्यान नहीं दिया. ऐसे मरीज़ सांस की दिक्कत, हार्ट अटैक और लकवे जैसी गम्भीर तकलीफ़ों के साथ अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. 

वाशी के फोर्टिस अस्पताल के डॉ तुलसीगिरी  का कहना है, ‘'कई मरीज़ सांस की दिक्कत के साथ. कई मरीज़ हार्ट की प्रॉब्लम जैसे हार्ट अटैक के साथ आ रहे हैं. कई नसों में खून जमा होने की शिकायत के साथ आ रहे हैं. कई सेकंडेरी बैक्टीरीयल इंफ़ेक्शन,कई स्ट्रोक या लकवा लेकर भी आ रहे हैं.''

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कोविड के बाद आने वाली दिक्कतों को देखते हुए जानकार मानते हैं कि कोविड की अनदेखी न करें. इसे न छुपाएं और इसका पूरा इलाज कराएं, वरना आपको ज़्यादा गंभीर तकलीफ़ें हो सकती हैं.


 

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