फाइजर (Pfizer) का COVID-19 टीका ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए ‘म्यूटेशन' से बचाव में प्रभावी है. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है. कोरोना के दो नए स्वरूप दुनिया के लिए चिंता का विषय बने हैं. उन दोनों में ही एक ही प्रकार का म्यूटेशन- N501Y है, इसके स्पाइक प्रोटीन (नुकीली संरचना) में मामूली सा बदलाव होता है. इस बदलाव के कारण ही ऐसा माना जा रहा है कि यह तेजी से फैल रहा है.
दुनियाभर में लगाए जाने वाले अधिकांश टीके शरीर में कोरोना के उस ‘स्पाइक प्रोटीन' को पहचानने और उससे लड़ने के लिए तैयार किए गए हैं. फाइजर ने गैल्वेस्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय की चिकित्सीय शाखा के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर ‘म्यूटेशन' (उत्परिवर्तन) के उनकी टीके की क्षमता को प्रभावित करने के तरीकों के बारे में पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में परीक्षण किए.
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टीकों पर किए गए एक बड़े अध्ययन के दौरान, उन्होंने फाइजर और उसके जर्मनी के साझेदार बायोएनटेक द्वारा निर्मित कोविड-19 का टीका लगवाने वाले 20 लोगों के रक्त के नमूने लिए. शोधकर्ताओं द्वारा बृहस्पतिवार देर रात एक साइट पर ऑनलाइन जारी किए गए अध्ययन के अनुसार, ऐसा पाया गया कि इन सभी लोगों में टीका लगने के बाद बनी ‘एंटीबॉडी' ने वायरस से बचाव किया. यह अध्ययन प्रारंभिक है और अभी तक विशेषज्ञों द्वारा इसकी समीक्षा नहीं की गई है, जो चिकित्सा अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है.
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