कोविड-19 (Coronavirus In MP) संकट में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के निजी अस्पतालों (Private Hospitals) द्वारा मरीजों से ‘अनाप-शनाप' शुल्क वसूली की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister CM Shivraj Singh Chauhan) ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए महामारी के इलाज की दरें तय करेगी. कोविड-19 से बचाव के उपाय अपनाने के प्रति जनता को जागरूक करने के मकसद से सूबे की राजधानी भोपाल में 24 घंटे के लिए "स्वास्थ्य आग्रह" पर बैठे मुख्यमंत्री ने जिलों के पत्रकारों से ऑनलाइन संवाद में यह बात कही.
उन्होंने कहा, "मुझे आज ही कई लोगों ने बताया है कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों से अनाप-शनाप फीस वसूली जा रही है. हम इन अस्पतालों में महामारी के इलाज की दरें तय करेंगे." चौहान ने कहा कि कोविड-19 संकट के लगातार विकट होने के मद्देनजर प्रदेश के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में महामारी का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इस कारण मध्यप्रदेश में भी संक्रमितों की संख्या असाधारण रूप से बढ़ रही है."
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए वह फिलहाल राज्य में लम्बी अवधि के लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था ध्वस्त और गरीब तबका पस्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में वह रविवार या एक और दिन के लॉकडाउन को ही उचित मानते हैं. चौहान ने कहा कि "स्वास्थ्य आग्रह" के दौरान उन्होंने समाज के अलग-अलग तबकों के लोगों से संवाद किया है और बुधवार सुबह वह महामारी से निपटने के लिए कुछ और सरकारी कदमों का फैसला करेंगे.
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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में मास्क लगाने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक जन अभियान की जरूरत है क्योंकि अब भी कई लोग कोविड-19 से बचाव के इस साधन का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से सरकार अकेली नहीं लड़ सकती और महामारी की रोकथाम के लिए समाज को भी आगे आना होगा.
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